लॉस एंजेल्स। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने प्रशासन को शरण मांगने के
अनुरोधों पर शुल्क लेने का आदेश दिया है। इस पर भारत सहित एशियाई देशों और लेटिन अमेरिका से
शरणार्थी का आवेदन करने वाले एडवोकेसी ग्रुप ने तीखी प्रतिक्रया दी है। इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र
शरणार्थी उच्चायुक्त ने भी जेनेवा में मीडिया से बातचीत के दौरान इस आदेश को अनुचित बताया है।
उल्लेखनीय है कि व्हाइट हाउस ने सोमवार रात एक बयान जारी कर बताया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने प्रशासन को शरण मांगने के अनुरोधों पर शुल्क लेने और और ऐसे मामलों का
निपटान 180 दिनों के भीतर करने के आदेश दिए हैं। यह घोषणा ऐसे समय में हुई है जब ट्रंप ने ट्विटर
पर अमेरिकी आव्रजन कानूनों को लेकर आक्रोश जारी किया था, जिन्हें वह ''कमजोर, अप्रभावी एवं
खतरनाक'' करार देते हैं। यद्पि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सोमवार को कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर
करते हुए शरणार्थी शुल्क दर के बारे में कोई निश्चित राशि का संकेत नहीं दिया था, लेकिन इतना ज़रूर
कहा था कि यह राशि आवेदन प्रक्रिया पर आने वाले ख़र्च के अनुरूप सामान्य होगी। शरणार्थी उच्चायुक्त
कार्यालय में प्रवक्ता चार्ली वाकसले ने मंगलवार को कहा कि संकट में फंसे व्यक्ति के लिए शरणागति के
लिए आवेदन मूलभूत मानवीय अधिकार है और उसके आवेदन पर शुल्क लगाया जाना ग़लत है। लेकिन
ट्रम्प अपने चुनावी वादे को पूरा करने के उद्देश्य से पिछले क़रीब दो साल से मेक्सिको से आने वाले
आव्रजकों को अमेरिकी सीमा पर रोकने, मेक्सिको सीमा पर ऊंची दीवार खड़ी करने और अपने मातहत
आव्रजन कस्टम विभाग को पहले से अधिक मुस्तैद करने के लिए प्रयत्नशील है। इसके लिए व्हाइट
हाउस के कड़े रवैए के कारण ट्रम्प प्रशासन भी रिकार्ड ‘शट डाउन’ रहा है। ट्रम्प ने दीवार निर्माण के लिए
कांग्रेस से पहले 18 अरब डालर और फिर 5.7 अरब डालर की अनुमति दिए जाने की मांग की थी। मार्च,
2019 में मेक्सिको सीमा से आने वाले अवैध आव्रजकों और सीमा पर उन्हें रोके जाने वालों की संख्या
एक लाख तक पहुंच गई है, जो पिछले 12 वर्ष में एक रिकार्ड है। राष्ट्रपति ट्रम्प के आदेशानुसार इस
समस्या से निपटने में विफल गृह सचिव क्रिस्टीन नीलसन पिछले महीने के शुरू में त्याग पत्र दे चुकी
हैं। मेक्सिको सीमा पर अतिरिक्त सेना तैनात सोमवार को ट्रम्प प्रशासन के आग्रह पर पेंटागन ने
मेक्सिको सीमा पर अवैध रूप से अमेरिका में घुसने वाले आव्रजकों की रोकथाम और उनकी देखरेख के
लिए सेनाओं की अतिरिक्त टुकड़ियां देने पर सहमति जताई है।