वाशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन बृहस्पतिवार को भारत के लिए रवाना हुए जहां वह नयी दिल्ली में होने जा रहे ऐतिहासिक जी20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे।
व्हाइट हाउस ने बताया कि बाइडन जी20 शिखर सम्मेलन के लिए भारत की अपनी यात्रा के दौरान रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र (सीडीसी) के कोविड-19 दिशा निर्देशों का पालन करेंगे।
प्रथम महिला जिल बाइडन (72) सोमवार को कोविड-19 से संक्रमित पायी गयीं। इसके बाद सोमवार तथा मंगलवार को राष्ट्रपति बाइडन (80) की कोरोना वायरस के लिए जांच की गयी लेकिन वह संक्रमित नहीं पाए गए।
भारत रवाना होने से एक घंटे से भी कम समय पहले व्हाइट हाउस ने कहा, ”राष्ट्रपति कोविड-19 से संक्रमित नहीं पाए गए हैं।”
प्रथम महिला कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद अपने डेलवेयर हाउस में पृथक वास कर रही हैं और राष्ट्रपति के साथ भारत तथा वियतनाम की यात्रा पर नहीं जा रहीं। उनके कार्यालय ने बृहस्पतिवार को कहा, ”प्रथम महिला में आज कोविड का संक्रमण नहीं पाया गया।”
राष्ट्रपति के एयर फोर्स वन विमान में उनके साथ अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवान, डिप्टी चीफ ऑफ स्टाफ जेन ओ’मैली डिल्लोन, ओवल ऑफिस ऑपरेशंस की निदेशक एनी टॉमासिनी, प्रेस सचिव कैरीन ज्यां-पियरे और सामरिक संचार के लिए एनएससी समन्वयन जॉन किर्बी भी यात्रा कर रहे हैं।
इसके अलावा उनके साथ एक बड़ा प्रतिनिधिमंडल भी जा रहा है।
व्हाइट हाउस के अनुसार, बाइडन शुक्रवार शाम को नयी दिल्ली पहुंचेंगे और इससे पहले उनका विमान ईंधन भरवाने के लिए जर्मनी के रैमस्टीन में रुकेगा।
अमेरिका के राष्ट्रपति जी20 शिखर सम्मेलन की सफलता को लेकर उत्सुक हैं। इस दौरान वह जलवायु परिवर्तन और विश्व बैंक तथा अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों में सुधार पर चर्चा कर सकते हैं।
अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में भारत की पहली यात्रा पर बाइडन जी20 सदस्य के रूप में अफ्रीकी संघ का स्वागत करेंगे। यह भारत की पहल है जिसका दुनियाभर के नेताओं ने समर्थन किया है।
उनकी शुक्रवार को ही प्रधानमंत्री मोदी से द्विपक्षीय बैठक की संभावना है। बैठक में दोनों नेता प्रधानमंत्री मोदी की जून में वाशिंगटन की आधिकारिक यात्रा के दौरान लिए गए फैसलों पर प्रगति की समीक्षा कर सकते हैं।
बैठक के दौरान जिन प्रमुख मुद्दों पर बातचीत हो सकती है उसमें यूक्रेन, अहम एवं उभरती प्रौद्योगिकियां और कुछ रक्षा सौदे शामिल हैं।
अगले दिन राष्ट्रपति बाइडन प्रधानमंत्री मोदी के साथ एक आधिकारिक कार्यक्रम में भाग लेंगे। इसके बाद वह जी20 नेताओं के साथ कई बैठकों में हिस्सा लेंगे।
व्हाइट हाउस ने बताया कि वियतनाम में हनोई के लिए रवाना होने से पहले बाइडन जी20 नेताओं के साथ राजघाट स्मारक भी जाएंगे।
राष्ट्रपति बाइडन के अलावा फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज, जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा और ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला दा सिल्वा उन जी20 नेताओं में से हैं जो शिखर सम्मेलन में अपनी भागीदारी की पहले ही पुष्टि कर चुके हैं।
प्रधानमंत्री मोदी 10 सितंबर को ब्राजील के राष्ट्रपति लूला को जी20 अध्यक्ष पद की कमान सौंपेंगे। ब्राजील एक दिसंबर को औपचारिक रूप से जी20 की अध्यक्षता ग्रहण करेगा।
जी20 समूह में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ (ईयू) शामिल हैं।