वाशिंगटन। अमेरिका की अलबामा प्रतिनिधि सभा ने महीनों तक गहन चर्चा के बाद योग से
दशकों पुराना प्रतिबंध हटाने के पक्ष में मतदान किया है, लेकिन उसने ऐसे समय में ‘नमस्ते’ पर रोक लगा दी है
जब दुनिया भर के नेता कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के बीच अभिवादन के इस तरीके को अपना रहे हैं। योग से
प्रतिबंध हटाया जाना भारत की सदियों पुरानी इस पद्धति की बढ़ती स्वीकृति और लोकप्रियता को दर्शाता
है।अलबामा शिक्षा बोर्ड ने कट्टरपंथी समूहों के दबाव में आकर 1993 में राज्य के सार्वजनिक स्कूलों में योग के
साथ-साथ सम्मोहन और ध्यान पर प्रतिबंध लगाने के पक्ष में मतदान किया था। डेमोक्रेटिक पार्टी से विधायक
जेरेमी ग्रे द्वारा पेश किये गए योग विधेयक पर मंगलवार को मतदान हुआ, जिसके पक्ष में 84 और विरोध में
17 वोट पड़े।अलबामा प्रतिनिधि सभा ने योग पर से तो प्रतिबंध हटा लिया लेकिन नमस्ते का उपयोग करने पर
प्रतिबंध लगा दियाध्ं प्रतिनिधि सभा ने यह फैसला ऐसे समय में लिया है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप समेत
दुनियाभर के नेता कोरोना वायरस के प्रसार के मद्देनजर हाथ मिलाने के बजाय नमस्ते करना पसंद कर रहे हैं।
अब ये विधेयक राज्य के सीनेट को भेजा जाएगा और अगर वहां उसे मंजूरी मिलती है और गवर्नर के आईवे उसपर
हस्ताक्षर कर देती हैं तो यह एक कानून बन जाएगा। इसके साथ ही के-12 स्कूलों में 27 साल से योग पर लगा
प्रतिबंध हट जाएगा। विधेयक के अनुसार, प्रत्येक स्थानीय शिक्षा बोर्ड इस शर्त के साथ केजी से लेकर 12 तक के
छात्रों के लिये योग का निर्देश दे सकता है कि यह एक वैकल्पिक गतिविधि होगी। विधेयक में कहा गया है कि
छात्रों को योग करने या न करने का विकल्प दिया जाएगा।