राजीव गोयल
तोक्यो। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ और उनके जापानी समकक्ष तोशीमित्सु
मोटेगी ने कहा कि वे “मुक्त व खुले हिंद-प्रशांत” की क्षेत्रीय पहल का नेतृत्व करेंगे जिसका मकसद चीन की बढ़ती
आक्रामकता पर लगाम लगाना है और यह मंगलवार को ऑस्ट्रेलिया और भारत के विदेश मंत्रियों के साथ होने वाली
बैठक का मुख्य मुद्दा होगा। कोरोना वायरस महामारी के प्रसार के बाद ‘क्वाड’ के विदेश मंत्रियों की यह पहली
प्रत्यक्ष मुलाकात होगी। ‘क्वाड’ में अमेरिका, जापान, भारत और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं। ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री
मारिस पैने और भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर भी इसमें हिस्सा ले रहे हैं। ‘क्वाड’ की वार्ता से पहले पोम्पिओ
के साथ अपने दोपहर के भोज में मोटेगी ने कहा, “मुझे उम्मीद है कि जापान और अमेरिका मुक्त व खुले हिंद-
प्रशांत के लिये अंतरराष्ट्रीय बिरादरी का नेतृत्व करेंगे।” उन्होंने कहा कि जापान के नए प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा के
नेतृत्व में जापान-अमेरिका गठजोड़ क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिये अहम बना रहेगा। सुगा ने अपने पूर्ववर्ती
शिंजे आबे के सुरक्षा और कूटनीतिक रुख को बरकरार रखने की प्रतिबद्धता जाहिर की थी। पोम्पिओ ने सुगा के
स्वतंत्र एवं खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र को क्षेत्रीय शांति और स्थिरता की नींव बताने का भी स्वागत किया और कहा कि
“मैं उनसे पूरी तरह सहमत हूं।” इससे पहले तोक्यो आते वक्त पोम्पिओ ने संवाददाताओं से कहा था कि उन्हें चार
देशों की इस मंत्रिस्तरीय बैठक में “महत्वपूर्ण उपलब्धियां” हासिल होने की उम्मीद है, हालांकि उन्होंने इस बारे में
और विवरण नहीं दिया। यह वार्ता हाल में भारत और चीन के बीच सीमा पर उपजे तनाव की पृष्ठभूमि में हो रही
है। ऑस्ट्रेलिया और चीन में रिश्तों में भी हाल के महीनों में खटास आई है।