मनामा। रूढ़िवादी देश सऊदी अरब में महिलाओं के सुधार के लिए कई पहल किए जा रहे हैं जो पहले कभी नहीं हुआ था। इसी क्रम में पहली बार यहां की महिलाओं को आर्मी में शामिल होने की अनुमति मिली है। पिछले हफ्ते की इस घोषणा के बाद महिलाओं की ओर से आवेदन आने शुरू हो गए हैं।
सऊदी अरब में ये सारे सामाजिक सुधार क्राउन प्रिंस मोहम्मद सलमान के नेतृत्व में हो रहे हैं। इससे पहले सऊदी अरब ने स्टेडियम में बगैर किसी पुरुष साथी के अकेली महिला को फुटबाल मैच देखने और फिर विदेशों से अकेली महिला को सऊदी अरब आने मंजूरी दी थी।
ये हैं पैमाने-
जनरल डायरेक्टरेट ऑफ पब्लिक सिक्योरिटी (जन सुरक्षा निदेशालय) की ओर से कहा गया है कि आवेदकों के लिए सऊदी का होना अनिवार्य है। साथ ही आवेदकों की उम्र 25-35 वर्ष, 155 सेमी की लंबाई और उचित वजन के साथ कम से कम हाई स्कूल डिप्लोमा या इसके समकक्ष योग्यता होना आवश्यक है। सऊदी प्रेस एजेंसी ने पुष्टि की है कि जनरल डायरेक्टरेट के मुताबिक महिलाओं को रियाध, मक्का, मदीना, कासिम, असीर, अल-बहा और शरकियाह में नियुक्ति दी जाएगी।
हालांकि सऊदी शूरा काउंसिल ने सुझाव दिया था कि महिलाओं के लिए साल में तीन माह सेना में नौकरी अनिवार्य कर दी जाए, लेकिन इस पर काउंसिल में मतभेद उभर आए और इस पर सुधार के बाद नौकरी का प्रस्ताव लाया गया।
सख्त पाबंदियों के रहे हैं साए-
सऊदी अरब में शाही परिवार और सभी मजहबी संस्थाएं वहाबियत का पालन करती हैं जो महिलाओं को सख्त इस्लामी नियमों में बांधकर रखते हैं। यहां महिलाओं को न तो अकेले सफर करने की इजाजत थी और न ही रेस्त्रां, कैफे या स्टेडियम में बिना पुरुष सदस्य के अकेले बैठने की अनुमति थी। महिलाओं को सिर्फ परिवारों वाले कैबिन में ही पति या परिजनों के साथ बैठने की अनुमति मिली हुई थी। लेकिन दिसंबर-2017 में ही सिनेमाघरों पर से दशकों पुरानी पाबंदी हटा ली गई।
विजन 2030 के तहत हो रहें हैं सुधार-
जनवरी में डायरेक्टरेट ने इस बात पर अचरज व्यक्त किया कि देश में पहली बार उठाए गए इस कदम के तहत 140 महिलाओं को रिक्रूट किया जाना है लेकिन इसके लिए 107,000 आवेदन मिल चुके हैं। सऊदी में महिलाओं के स्टेटस में इजाफा क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान द्वारा लांच किए गए 2030 विजन का हिस्सा है।
इस माह के आरंभ में शूरा काउंसिल मेंबर इकबाल डारांडारी ने सऊदी पुरुषों और महिलाओं के लिए ट्रेनिंग अनिवार्य कर दिया ताकि सभी सऊदी नागरिक अपने देश की रक्षा कर सकें। उन्होंने कहा, ‘देश की और अपनी रक्षा के लिए महिलाओं को प्रशिक्षण दिया जाना अनिवार्य है।