वाशिंगटन। अंतरराष्ट्रीय नियमों के आधार पर वैश्विक संतुलन के ‘संरक्षण’ पर जोर
देते हुए संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत हर्षवर्धन श्रृंगला ने मंगलवार को कहा कि भारत न तो आंखें
बंद करेगा और न ही इस संतुलन को बर्बाद होते हुए देखेगा। अमेरिका के शीर्ष थिंक टैंक कारनेज
एंडोवमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस में एक संवाद के दौरान श्रृंगला ने यह भी कहा कि संयुक्त राष्ट्र सहित
अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थानों में 21वीं सदी की जमीनी हकीकत के अनुसार बदलाव करने की जरूरत है।
बातचीत के दौरान एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अन्य बातों के अलावा अमेरिका और जापान
जैसे देशों के साथ भारत का सहयोग ‘कुछ अंतरराष्ट्रीय नियमों पर आधारित वैश्विक संतुलन की धारणा
को संरक्षित करने के लिए है। उन्होंने कहा कि हम इस वैश्विक संतुलन को बर्बाद होते हुए नहीं देख
सकते। श्रृंगला ने कहा कि अमेरिका, जापान और भारत जैसे देशों का मानना है कि ऐसे बहुत से तरीके
हैं जिनके जरिए ‘पारदर्शी नियमों पर आधारित वैश्विक संतुलन काम कर सकता है।
भारत में चल रहे आम चुनावों के बारे में श्रृंगला ने कहा कि लोकतंत्र में विस्तार और भव्यता के मामले
में यह अभूतपूर्व है। उन्होंने कहा की यह सिर्फ भव्य ही नहीं बल्कि लोकतंत्र के लिए प्रतिबद्धता भी है।
उन्होंने कहा की मुझे लगता है कि अगले पांच साल तक देश की बागडोर किसकेहाथ में होगी, यह फैसला
काफी हद तक भारत की नयी पीढ़ी का होगा क्योंकि देश की 70 प्रतिशत आबादी की उम्र फिलहाल 35
वर्ष से कम है। करीब आठ से नौ करोड़ लोग पहली बार वोट डाल रहे हैं। पाकिस्तान पर पूछे गए एक
सवाल के जवाब में श्रृंगला ने कहा कि भारत ने अपने पड़ोसी के साथ बातचीत को हमेशा प्रधानता दी है।
लेकिन आतंकवाद को किसी भी तरह का समर्थन बर्दाश्त नहीं है।