कभी न कभी थकान का अनुभव सभी को होता है। आराम करने या नींद लेने के बाद थकान मिट भी जाती है। लेकिन जब थकान हर टाइम बनी रहे और सुस्ती का असर मानसिक, शारीरिक व सामाजिक स्तर पर पडने लगे तो यह किसी गंभीर रोग का संकेत हो सकती है, आइये जानते हैं इस के बारे में…
थायरॉयड मिडिल एज में खासतौर पर लो-थायरॉयड की समस्या ज्यादा होती है। थायरॉयड ग्लैंड टी4 और टी3 जैसे हॉर्मोन बनाती है और मिड एज में यह प्रक्रिया धीमी हो जाती है। चूंकि अन्य प्रक्रिया भी धीमी हो जती हैं, इसलिए इस उम्र में वजन बढने, कब्ज, त्वचा में रूखापन और बाल झडने जैसी समस्याएं होने लगती हैं। थायरॉयड प्रोफाइल थायरॉयड एंटीबॉडी, थायरॉयड स्कैन कराएं। टीएसएच थायरॉयड को बढाने वाला हॉर्मोन है। हाई टीएसएच और लो टी 4 का अर्थ है। क्रॉनक हाइपोथायरॉयड।
एनीमिया आयरन की कमी एनीमिया से भी हमेशा सुस्ती बनी रह सकती है। सामान्य तैार पर महिलाओं को पीरियड्स, प्रेग्नेंसी या बे्रस्ट फीलिंग के दौरान आयरन की कमी होती है। इसमें त्वचा का रंग पीला पडने लगता है। चिडचिडाहट और सुस्ती होने लगती है, शुगर स्तर भी घटता-बढता है। हालांकि शुगर स्तर डायबिटीज में भी घटता-बढता है। एनीमिया और डायबिटीज दोनों हीसमस्याओं में थकान और सुस्ती जैसे लक्षण दिखते हैं।
ह्वदय रोग शोध बताते हैं कि हार्ट अटैक के 60 प्रतिशत मामलों में कुछ हफ्ते पहले से असामान्य थकान का अनुभव होने लगता है। पुरूषों की तुलना में महिलाएं मेंये लक्षण अधिक नजर आते हैं। उपाय बचने के संतुलित आहार ही लें और 30 मिनट आप एरोबिक एक्सरसाइज करें। वेट के अलावा कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर को नियंजित्रण रखें। ट्रांस फैट्स का सेवन करें।
लिवर समस्या लगातार थकान बनी रहने के कारण लिवर प्रभाव पड सकता है। ब्लड ट्रांस्फ्यूजन, कोकीन या ड्रग लेने की हिस्ट्री हो तो हेपेटाइटिस सी की आशंका हो सकती है इसमें मरीज को हल्का-हल्का बुखार भूख न लगना, शरीर में दर्द या फ्यू जैसे लक्षण हो सकते हैं। लिवर फंक्शन टेस्ट के अलावा हेपेटाइटिस सी के लिए भी ब्लड टेस्ट कराएं।