अक्सर कुछ महिलाएं डिलीवरी के बाद पोस्टपार्टम डिप्रेशन का शिकार हो जाती है। बच्चे के जन्म के बाद महिला उदासीनता से भर जाती है, जिसे पोस्टपार्टम डिप्रेशन कहा जाता है। इस दौरान किसी से बात करने का भी मन नहीं होता है। साथ ही महिलाएं अपने बच्चे के साथ भी अच्छा और गहरा बॉन्ड नहीं फील कर पाती है। ऐसे समय में उनके मन में नकारात्मक भावनाएं पैदा होती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि न सिर्फ महिलाओं बल्कि पुरुषों को भी पोस्टपार्टम डिप्रेशन होता है। लेकिन पुरुषों को महिलाओं की अपेक्षा कम परेशानी देखने को मिलती है।
पुरुषों में पोस्टपार्टम डिप्रेशन
पत्नी के थर्ड ट्राइमेस्टर के दौरान करीब 13.3 प्रतिशत पुरुष पोस्टपार्टम डिप्रेशन के लक्षणों को अनुभव करने लगते हैं। उनमें भी महिलाओं की तरह ही निराशा, हताशा और चिड़चिड़ापन आने लगता है। आसानी से व्यक्ति तनावग्रस्त हो जाता है और छोटी-छोटी सी चीजें उसके मन को परेशान करने लगती है। बच्चे के जन्म के बाद पोस्टपार्टम डिप्रेशन से गुजरने वाला पुरुष अक्सर थकान महसूस करता है। उसका काम में मन नहीं लगता है और लोगों से मिलना-जुलना भी बंद कर देते हैं।
टॉक थेरेपी
साइकोलॉजिस्ट और साइकोथैरेपिस्ट के अनुसार, पुरुषों को पोस्टपार्टम डिप्रेशन होने पर टॉक थेरेपी की मदद लेनी चाहिए। पोस्टपार्टम डिप्रेशन होने पर पुरुष अपने मन की बात किसी से खुलकर नहीं कह पाते हैं। ऐसे में उन्हें यह समझ नहीं आता है कि आखिर वह अपने मन की बात किसके साथ शेयर करें। ऐसी स्थिति में देर किए बिना टॉक थेरेपी की मदद लेनी चाहिए। टॉक थेरेपी की मदद से पुरुष अपने मन की बात को आसानी से कह सकते हैं। इससे पोस्टपार्टम डिप्रेशन के लक्षणों में धीरे-धीरे कमी आने लगती है।
कपल थेरेपी
पोस्टपार्टम डिप्रेशन का शिकार होने पर पुरुषों को अपनी पत्नी के साथ कपल थेरेपी लेनी चाहिए। क्योंकि पुरुष उस स्थिति में पोस्टपार्टम डिप्रेशन का का शिकार होता है, जब वह अपनी पत्नी के साथ समय नहीं बिता पाते हैं। ऐसे में समय की कमी के चलते पुरुष पत्नी से अपने मन की बात नहीं कह पाते हैं। इसके साथ ही अंतरंग संबंधों में भी कमी आने लगती है। ऐसे में इस स्थिति से निपटने के लिए पत्नी के साथ कपल थेरेपी की मदद लेनी चाहिए। इस दौरान महिलाओं को भी समझ आएगा कि उन्हें अपने पति को किस तरह से मदद करनी चाहिए।
जरूर करें एक्सरसाइज
पोस्टपार्टम डिप्रेशन से निजात पाने का सबसे अच्छा और बेहतरीन तरीका नियमित एक्सरसाइज करना है। क्योंकि एक्सरसाइज को अपनी डेली रूटीन में शामिल करने से न सिर्फ शारीरिक बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को भी फायदा मिलता है। अगर आपको एक्सरसाइज करना पसंद है तो इसे बंद नहीं करना चाहिए। इससे आपको पोस्टपार्टम डिप्रेशन से लड़ने की क्षमता मिलती है और आप इससे आसानी से बाहर निकल सकते हैं।
बच्चों के साथ रहें इंवॉल्व
पोस्टपार्टम डिप्रेशन से निजात पाने के लिए पुरुषों को बच्चों के साथ अपने बॉन्ड को बेहतर करना चाहिए। इस स्थिति से निपटने के लिए आप अपनी फैमिली की मदद भी ले सकते हैं। वहीं बच्चों के साथ इंवॉल्व जैसे उनके छोटे-मोटे काम कर सकते हैं। इनमें बच्चे को बोतल से फीड कराना, उनका डायपर चेंज करना, या फिर बच्चे को अपने साथ टहलाने ले जाना आदि शामिल है।
इन्हें जरूर आजमाएं
पोस्टपार्टम डिप्रेशन से छुटकारा पाने के लिए अपने दोस्तों के सर्कल को बढ़ाएं। दोस्तों के साथ समय बिताएं
पार्टनर के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताएं।
मन की बात को मन में न रखें। बल्कि उसे एक्सप्रेस करें।
अगर आप किसी से अपने मन की बात नहीं कह पा रहे हैं, तो किसी काउंसलर की मदद ले सकते हैं।