आयुर्वेद के अनुभूति नुस्खे देशों जड़ी-बूटियों पर आधारित होते हैं। इनमें किसी प्रकार का केमिकल तत्व
नहीं होता अतः इनके सेवन से लाभ ही लाभ होता है, हानि नहीं। दिमागी कमजोरी, नींद कम आना
याददाश्त की कमी…
1. शंख पुष्पी 3 माशा, ब्राह्मी 1 माशा, बादाम 5 दाना, गोल मिर्च 7 दाना, छोटी इलायची 2 (1 खुराक
के लिये सामग्री) इन्हें पीसकर छान लें तथा सुबह के समय मिश्री मिलाकर दूध के साथ सेवन करें।
2. सौंफ 6 माशा लेकर नित्य प्रातः पानी के साथ सेवन करें।
3. सौंफ 5 तोला, मिश्री 5 तोला बादाम गिरी 5 तोला, सबको कूट पीसकर चूर्ण बना लें। रात्रि में सोते
समय एक पाव दूध के साथ सेवन करें या यों ही फांक लें पर पानी न पीयें।
वायु गैस होने पर- सोंठ, पीपल छोटी, काला नमक, गोल मिर्च, भुना जीरा इस सामग्री को कूट पीसकर
बराबर-बराबर मिला कर रख लें। दिन में तीन बार गुनगुने पानी के साथ दो-दो चुटकी सेवन करें।
वमन, बदहजमी, पित्त होने पर- पुदानी सूखा 1, तोला, जीरा भुना हुआ 1 तोला, गोल मिर्च 1 तोला,
काला नमक 1 तोला, अनार दाना 2 तोला। सबको अलग-अलग कूट पीस लें। अब सबको एक साथ
मिलाकर कांच की शीशी में भरकर सूखे स्थान पर रखें। एक दिन में कई बार एक-एक चुटकी पानी के
साथ फांक लें या मुंह में रखकर निगल लें।
कब्ज होने पर- मुनक्का 10 दाने (बीज निकालकर), अंजीर 2, सौंफ 6 माशा (कूटकर) एक पाव पानी में
फांक लें। एक छटांक रहने पर इसमें थोड़ा दूध मिलाकर रात्रि में लें।
सूखे गुलाब की पत्ती- आधा तोला 2 घंटा पहले संध्या समय सवा सौ मिली लीटर (आधा पाव) पानी में
भिंगो दें। फिर एक पाव दूध में डालकर पका लें। पानी जलने पर छानकर मिश्री डालकर सोते समय पीयें
5-6 दिन पीने पर कब्ज ठीक हो जायेगी।