-विनोद ताकियावाला-
विश्व के सबसे बड़ी आबादी वाला देश भारत लोकतंत्र की जननी है। लोकतंत्र का जन्म सदियों पूर्व भारत में हुआ था। जिसका प्रमाण बिहार के मोर्यकालीन इतिहास में बैशाली में देखने के मिलता है। इस बात का उल्लेख देखनें को मिलता है। नई दिल्ली के द्वारका स्थित नव र्निमित इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन एण्ड एक्सपो सेन्टर ‘यशोभुमि ‘जी-20 के संसदीय पीठासीनअधिकारियों के दो दिवसीय सम्मेलन आयोजित की गई। इस सम्मेलन में दुनियाभर के जी-20 सदस्य देशों के संसदों के अध्यक्षों ने हिस्सा लिया। दो दिनों तक चले इस सम्मेलन में चार सत्र आयोजित किए गए थे। इस सम्मेलन का थीम ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य के लिए संसद’ है। सम्मेलन केसमापन सत्र में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा, “कई देशों के प्रतिनिधियों ने पश्चिम एशिया और मध्य पूर्व की स्थिति का भी उल्लेख किया है। कुछ सदस्यों ने अंतरराष्ट्रीय व्यापार को बढ़ावा देने और सप्लाई चेन में लचीलापन लाने के आवश्यक्ता का भी उल्लेख किया है। आज के इंटर कनेक्टेड विश्व में हम किसी मुद्दे को आइसोलेशन में नहीं देख सकते”।
13 अक्टूबर को नई दिल्ली के द्वारका स्थित नव र्निमित इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन एण्ड एक्सपो सेन्टर ‘यशोभुमि ‘जी 20 के संसदीय पीठासीनअधिकारियों के दो दिवसीय सम्मेलन का उद्घाटन प्रधान मंत्री द्वारा की गई। प्रधान मंत्री ने संसदीय पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन-पी 20 को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि खंडित विश्व कभी भी वर्तमान चुनौतियों का समाधान नहीं कर सकता। मोदी ने कहा कि सबके विकास और कल्याण के लिए यह समय साथ मिलकर आगे बढ़ने का है। आतंकवाद पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि कहीं भी और किसी भी कारण से आतंकवाद मानवता के खिलाफ है। उन्होंने वर्ष 2001 में संसद भवन पर हुए आतंकी हमले का उल्लेख किया। भारत की समृद्ध लोकतांत्रिक परंपरा का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और उसके पास लोकतांत्रिक संस्थाओं का समृद्ध इतिहास है। देश के इस समृद्ध लोकतांत्रिक इतिहास में सभा और समिति की भूमिका का उल्लेख करते हुए उन्होंने ने कहा कि लोग इन संस्थाओं के माध्यम से सामूहिक निर्णय लिया करते है। भारत में न केवल विश्व की सबसे बडी चुनाव प्रक्रिया सम्पन्न होती है, बल्कि इसमें लोगों की भागीदारी भी लगातार बढ़ती जा रही है।
आम चुनाव उत्सव जैसे माने जाते हैं और आजादी के बाद से 17आम चुनाव और तीन सौ से अधिक विधानसभा चुनाव हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि 2019 के आम चुनाव में साठ करोड़ से अधिक लोगों ने अपने मताधिकार का उपयोग किया। उन्होंने कहा कि देश ने प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से चुनाव प्रक्रिया को आधुनिक बनाया है। प्रधानमंत्री ने देश में महिलाओं के बढ़ते प्रतिनिधित्व का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने का सरकार का हाल का फैसला देश में संसदीय परंपरा को और मजबूत करेगा।
दो दिवसीय सम्मेलन भारत की जी-20 अध्यक्षता की थीम के अनुरूप एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य के लिए संसद विषय पर आयोजित है। इसमें विभिन्न देशों की संसद के पीठासीन अधिकारी और सदस्यों के अलावें अफ्रीकी संसद के प्रतिनिधि भी भाग लिये। सम्मेलन के पहले चरण 12 अक्टूबर 2023 को एल आई ई एफ(सतत विकास के लिए जीवन शैली)शिखर सम्मेलन से पहले LiF(पर्यावरण के लिए जीवन शैली)पर एक संसदीय फोरम आयोजित किया गया। भारत की प्राचीन और सहभागी लोकतांत्रिक परंपराओं को उजागर करने हेतु प्रजातंत्र की जननी(मदर ऑफ डेमोक्रेसी) प्रदर्शनी भी आयोजित की गई।
आप के मन भी यशोभुमि के बारे में जिज्ञासा उत्पन्न हो रही होगी। मै आप को ज्यादा परेशान करते हुए यशोभुमि के बार बता दूँ कि यशोभूमि’ में विश्व के सबसेबड़े प्रदर्शनी हॉल हैं। इन हॉल का उपयोग प्रदर्शनियों, व्यापार मेलों और व्यावसायिक कार्यक्रमों की मेजबानी के लिए किया जाएगा। ‘यशोभूमि’ कन्वेंशन सेंटर भारत मंडपम से भी है बड़ा है। जहाँ11 हजार लोगों की क्षमता है।
इस अंतरराष्ट्रीय एक्सपो सेंटर को यशोभूमि (आईआईसीसी) नाम दिया गया है। द्वारका सेक्टर 25 में एक नए मेट्रो स्टेशन है, जो दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस लाइन का विस्तार है। इसकी शुरुआत के बाद ‘यशोभूमि’ दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस लाइन से भी जुड़ गई है। इसके लिए यहां 735 मी लंबा एक सब-वे भी बनाया गया है। करीब 25, 703 करोड़ रुपये की लागत से तैयार यशोभूमि के पहले चरण में एक विश्वस्तरीय सम्मेलन केंद्र, दो प्रदर्शनी हॉल और 3, 000 से ज्यादा कारों को समायोजित करने के लिए एक पार्किंग सुविधा शामिल है। स्वचालित सिटिंग सिस्टम से लैस ऑडिटोरियम है। इसके शुरू होने के बाद जी-20 जैसे बड़े आयोजन यहां भी आयोजित किये जा सकते हैं। इसे प्रगति मैदान का विकल्प माना जा रहा है। इस कन्वेंशन सेंटर में मुख्य ऑडिटोरियम, ग्रैंड बॉलरूम सहित 15 कन्वेंशन रूम और 13 कॉन्फ्रेंस रूम शामिल हैं। जिनमें कुल 11 हजार लोगों को समाहित करने की क्षमता है। इसके ऑडिटोरियम में ऑटोमैटिक सीटिंग सिस्टम बनाया गया है, जो जरूरत के अनुसार एक सपाट फर्श या फिर सीढ़ीनुमा बन जाता है, जहां ऑडिटोरियम की शैली में लोग बैठ सकते हैं। मुख्य ऑडिटोरियम कन्वेंशन सेंटर की तो यह पूरा हॉल है और यहां लगभग एक साथ 6, 000 मेहमानों की बैठने की क्षमता है। वहीं, ग्रैंड बॉलरूम में लगभग 2500 मेहमान एक साथ बैठ सकते हैं। इसके अलावा इसमें एक ओपन एरिया भी है जिसमें 500 लोग बैठ सकते हैं, जबकि आठ मंजिलों में फैले 13 कॉन्फ्रेंस रूम में विभिन्न स्तरों की बैठकें आयोजित की जा सकती है। ‘यशोभूमि’ में दुनिया के सबसे बड़े प्रदर्शनी हॉल्स हैं। इन प्रदर्शनी हॉल का उपयोग प्रदर्शनियों, व्यापार मेलों और व्यावसायिक कार्यक्रमों की मेजबानी के लिए किया गया है। 9वें जी-20 के संसदीय पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन का समापन अर्न्त राष्ट्रीय राजनीति में भारत ने नेतृत्व व मेहमान बाजी का अमिट निशानी छोड दिये।