सुरेंद्र कुमार चोपड़ा
वैदिक, पौराणिक एवं तांत्रिक मंत्रों के समान शाबर-मंत्र भी अनादि और अचूक हैं। सभी मंत्रों के प्रवर्तक मूल रूप से
भगवान शंकर ही हैं, परंतु शाबर मंत्रों के प्रवर्तक भगवान शंकर प्रत्यक्षतया नहीं हैं। इन मंत्रों के प्रवर्तक शिव भक्त
गुरु गोरखनाथ तथा गुरु मत्स्येंद्र नाथ को माना जाता है।
हनुमान साबर मंत्र: रात्रि में सोते समय यदि भूत-प्रेत आदि का डर लगता हो या जंगल में कहीं अनजान जगह सो
रहे हों, तो हनुमानजी का यह चमत्कारिक साबर मंत्र तीन बार पढ़कर निश्चिंात होकर सो जाएं। हनुमानजी
आपकी हर प्रकार से रक्षा करेंगे। यह विदित हो कि यह मंत्र मात्र जानकारी हेतु है। इसको सिद्ध करने के लिए
किसी साबर मंत्र के जानकार से संपर्क करें।
मध्यकाल में कालिका माता, हनुमानजी, भैरवनाथ, बगलामुखी आदि देवी और देवताओं सहित कई यक्षिणियों,
पिशाचिनियों आदि के साबर मंत्र भी बनाए गए थे। मध्यमकाल में तांत्रिक, काला जादू जानने वाले, बंजारे,
आदिवासी, वनवासी, घुमक्कड़ और ठेठ गांव के लोगों में प्रचलित थे ये साबर मंत्र। आम शहरी जनता में ये मंत्र
कभी प्रचलित नहीं रहे। आज भी कई तांत्रिक और जानकार लोग ही इन गुप्त मंत्रों के रहस्य को जानते हैं। कई
साबर मंत्र तो अब लुप्त हो चुके हैं।
साबर मंत्र बहुत जल्दी से सिद्ध हो जाते हैं, लेकिन इनके नियमों का पालन भी करना अत्यंत जरूरी है। नियमों
और पवित्रता के पालन से यह मंत्र और भी असरकारक बन जाते हैं। यदि व्यक्ति इन साबर मंत्रों को गंभीरता से
नहीं लेता है तो इसका उल्टा असर भी तुरंत शुरू हो जाता है इसीलिए इन मंत्रों को हंसी-मजाक में न लेकर इनको
पूर्ण सम्मान के साथ लेना चाहिए। यदि आपका मन और नीयत साफ है तो साबर मंत्र आपके साथ है।
हनुमान साबर मंत्र को सिद्ध करने के लिए किसी समर्थ गुरुदेव से मंत्र दीक्षा लेकर रुद्राक्ष, मूंगे अथवा लाल चन्दन
की माला से मंत्र का जप करें तभी यह सिद्ध होगा। फिर आप कहीं भी सोते वक्त यह मंत्र तीन बार पढ़कर सो
जाएंगे, तो किसी भी प्रकार का खतरा नहीं होगा। हालांकि जानकार लोग कहते हैं कि जिस व्यक्ति का चित्त निर्मल
और कर्म शुद्ध होते हैं, उनको इसे सिद्ध करने की जरूरत नहीं होती। साबर मंत्रों को स्वयंसिद्ध माना गया है।
इसके बोलते ही संबंधित देवी या देवता जाग्रत हो जाते हैं।