सुशांत को न्याय

asiakhabar.com | August 22, 2020 | 5:37 pm IST

संयोग गुप्ता

सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले की जांच सीबीआई ने शुरू कर दी है। सुप्रीम कोर्ट ने बीते दिनों जांच का
आदेश देते हुए कहा था कि निष्पक्ष जांच के जरिए सही बातें सामने आएंगी तो, निश्चित ही उन बेकसूरों को इंसाफ
मिलेगा, जो बदनाम करने की कैंपेन के शिकार हुए हैं। सीबीआई जांच के फैसले से पिटीशनर (रिया) को भी न्याय
मिल पाएगा, क्योंकि उन्होंने खुद भी इसकी मांग की थी। सुशांत की गर्लफ्रेंड रह चुकीं रिया चक्रवर्ती ने पटना की
जांच को मुंबई ट्रांसफर करने की अपील की थी। सुप्रीम कोर्ट के 35 पेज के आदेश में कहा है कि बिहार पुलिस ने
जो एफआईआर दर्ज की, वह सही थी। सीबीआई जांच की सिफारिश भी कानून के मुताबिक की गई। मुंबई पुलिस
जांच में सहयोग करे, जो भी सबूत जुटाए हैं, उन्हें सीबीआई को सौंपे। कोई और एफआईआर दर्ज होती है तो,
उसकी जांच भी सीबीआई करेगी। अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या की घटना से निश्चित रूप से काफी
लोगों को झटका लगा और बहुतों के लिए कुछ समय तक के लिए इसकी वजहों पर विश्वास करना मुश्किल हो
गया। लेकिन सच यही था कि चाहे किसी भी दबाव की वजह से, सुशांत सिंह राजपूत ने आत्महत्या कर ली थी।
शुरुआती तौर पर उनकी आत्महत्या के पीछे तनाव, अकेलापन और अवसाद जैसे कारणों की व्याख्या सामने आई
और लोगों ने उसी सिरे से इस पर विचार किया। फिर इस आत्महत्या से जुड़ी जिस तरह की बातें सामने आने
लगीं, उसके बाद सुशांत सिंह के दबाव को बर्दाश्त नहीं कर पाने के लिए कुछ वैसे कारणों की ओर लोगों का ध्यान
गया, जिसके लिए फिल्म उद्योग से जुड़े कुछ लोग या फिर समूह जिम्मेदार हो सकते हैं।
हालांकि अभी तक इस बारे में कोई पुख्ता निष्कर्ष नहीं निकल कर आया है, लेकिन अब पुलिस ने इस कोण से भी
आत्महत्या की घटना की जांच-पड़ताल शुरू कर दी है कि क्या फिल्म उद्योग में कुछ बड़े लोगों के कुछ फैसलों की
वजह से पैदा हुए तनाव ने सुशांत सिंह राजपूत की जान ले ली!
इस क्रम में अब सुशांत के पेशेवर दुश्मन माने जाने वाले लोगों की पहचान की जा रही है। हालांकि जांच इस बात
की भी होनी चाहिए कि सेलिब्रिटियों के प्रचार-प्रसार के लिए प्रबंधन का कारोबार करने वाले लोगों या समूहों की
गतिविधियां भी क्या किसी कलाकार के जीवन पर नकारात्मक असर डालती हैं! यह किसी से छिपा नहीं है कि
बॉलीवुड की दुनिया में परदे के पीछे से काम करने वाले दबाव समूहों और 'इसको उठाओ, उसको गिराओ की तर्ज
पर खेल खेलने वाले लोग किसी कलाकार के कॅरियर को किस हद तक प्रभावित कर सकते हैं!
इसमें कोई शक नहीं कि सुशांत सिंह राजपूत ने अपनी अभिनय क्षमता के बूते बॉलीवुड में एक बेहतर मुकाम
हासिल किया था और उनके पीछे किसी मशहूर हस्ती का हाथ नहीं था। जबकि बॉलीवुड आमतौर पर ऐसे आरोपों से
घिरा रहता है कि वहां उन्हीं कलाकारों को जगह मिल पाती है जिनका कोई अपना रिश्तेदार फिल्मों के निर्देशकों-
निर्माताओं और दूसरे फिल्म बनाने वालों के बीच में ऊंचा कद और अच्छी पैठ रखता है। यानी परदे पर हम जितने

चेहरों को देख पाते हैं, उनमें से ज्यादातर अपनी काबिलियत की वजह नहीं, बल्कि 'भाई-भतीजावादÓ की सीढ़ी के
सहारे वहां तक पहुंचे होते हैं।
ऐसे में अपनी प्रतिभा और क्षमता से जगह बना सकने वाले कलाकारों के सामने लंबे समय तक फिल्मी दुनिया में
टिक सकना एक बड़ी चुनौती होती है। सुशांत सिंह राजपूत ने भी महज चौंतीस साल की उम्र और अपने छोटे
फिल्मी दुनिया के जीवन में कई बेहतरीन फिल्मों में काम किया और आज वे अपनी प्रतिभा के लिए ही याद किए
जा रहे हैं। लेकिन सवाल है कि आखिर वे कौन-से कारण थे, जिनके चलते उन्हें इतनी जल्दी बॉलीवुड हाशिये पर
जाने पर मजबूर होना पड़ा था!
बॉलीवुड में ऐसी घटनाएं कोई नई नहीं हैं। लेकिन आखिर अब तक वहां कोई ऐसी ठोस व्यवस्था या पहलकदमी
क्यों नहीं हो सकी है जो किसी वजह से तनाव, अकेलेपन या अवसाद की चपेट में आए या व्यावसायिक रूप से या
कॅरियर के लिहाज से गंभीर चुनौतियों का सामने कर रहे कलाकारों की समय पर मदद कर सके!


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