संयोग गुप्ता
हर बार की तरह अंतराष्ट्रीय योग दिवस इस बार भी विश्व स्तर पर मनाया जाएगा लेकिन इस बार सब घर पर ही
रहकर इस दिन का आंनद लेंगे। योग दिवस की नींव रखे आज 6 वर्ष पूरे हो गए। योग की गंभीरता देश के
अलावा विदेशो ने भी बखूबी समझी है। देश में योग व आयुर्वेद की स्थिति को लेकर आयुष मंत्री श्रीपद येस्सो
नाइक से योगेश कुमार सोनी से खास बातचीत के मुख्य अंश…
इस बार योग दिवस कैसे मनाया जाएगा?
कोरोना को लेकर सारी स्थिति आपसे सामने हैं। इस बार लोग रोजाना की तरह घर में रहकर ही योग करें चूंकि
हालातों के आधार पर सोशल डिस्टेंसिंग बेहद जरुरी है। इस बार कोई मंत्री या नेता किसी भी विशेष मंच को साझा
नही करेगा।
क्या योग करने से कोरोना कम प्रभावित किया है?
सबसे पहले यह समझिये की कोरोना एक अज्ञात व अदृश्य शत्रु है और अब तक की रिसर्च के अनुसार यह सबसे
पहले उन लोगों को चपेट में लेता जिनकी ह्यूमिडिटी कमजोर होती है और योग करने से आप बाहरी फिट तो होते
ही हैं साथ में यह आपकी आंतरिक शक्ति को भी बढ़ाता है। लॉकडाउन काल में जिसने योग किया उनको कोरोना
ने नही घेरा। देश ही विदेशों में भी इसके प्रति जागरुकता देखने को मिली। लोगों ने योग को अपनी जिंदगी का
हिस्सा मान लिया। लॉकडाउन में योग करने वालों की संख्या बढ़ी है।
मंत्रालय 6 वर्ष पूरे हो गए, अब तक क्या-क्या उपल्बधियां हासिल की है?
एम्स की तर्ज पर दिल्ली के सरिता विहार मे आयुर्वेद संस्थान खुला है। ऐसे कई संस्थान देश के राज्यों मे खुल रहे
है। पूणे मे लगभग 500 करोड़ की लागत का इंस्टीटयूट खुल गया। गोवा, हरियाणा व उत्तर प्रदेश के अलावा देश
के कई राज्यों मे लगातार कार्य जारी है। प्रधानमंत्री इस ओर बहुत ध्यान दे रहे है। आयुष विभाग का उद्देश्य देश
को स्वस्थ बनाना है जिस पर बेहद गंभीरता से कार्य किया जा रहा है। बीते दिनों मैं कोच्चि मे मोहम्मा नामक
जगह मे एक कार्यक्रम मे गया था जिसे वहां के सांसद व लोगों ने इस जगह पर योगग्राम बनाया है। यहां रहने
वाले हर आयु वर्ग के लिए योग करना अनिवार्य जरुरी है।
आयुर्वेद रिसर्च को बढ़ावा देने के लिए क्या किया जा रहा है।
हमने आयुर्वेद रिर्सच काउंसिल का निर्माण किया है। पूरे देश मे 31 रिसर्च सेंटर हैं। हरेक रोग व गंभीर विषयों पर
रिसर्च की जा रही है जिसमें कुछ का हल निकल गया व कुछ का आना बाकी है। कैंसर के अलावा अन्य गैर-
संक्रामक बीमारियों पर भी रिसर्च चल रहा है। जिस तरह आईएमई-9 व आयुष-82 जैसी दवाओं के अलावा डेंगू व
चिकनगुनिया जैसी बीमारियों की प्रशावशाली दवाएं उपलब्ध है वैसी ही कई रोगों का दवाओं का निर्माण जारी है।
आयुर्वेद मे डॉक्टर्स की कितनी संख्या है व इनका क्या भविष्य है।
देश मे मौजुदा समय मे 7 लाख से अधिक आयुर्वेद डॉक्टर व करीब 4 लाख होम्योपैथिक के डॉक्टर हैं। हर वर्ष
इस क्षेत्र के डॉक्टरों की संख्या बढ़ती जा रही है। इसमे अभी और भी तेजी आएगी जब आयुर्वेद संस्थानों की संख्या
बढ़ेगी जिस पर लगातार काम कर रहे है। इसके अलावा इस शिक्षा को और बेहतर बनाने के लिए हम कॉलेजों की
संख्या की बढ़ा रहे है। पूरा विश्व योग करने लगा अब तो इन डॉक्टरों का देश के साथ विदेशों मे भी भविष्य है।
आपकी, प्रधानमंत्री व बाबा रामदेव की उपस्थिति कहां रहेगी।
मैं गोवा में रहूगां और प्रधानमंत्री दिल्ली व बाबा रामदेव उत्तराखंड में योग करेंगे। इस बार योग फ्राम होम रहेगा।
बाबा रामदेव को योग करते हुए तमाम चैनल लाइव दिखाएगें।