लॉकडाउन पर सस्पेंस

asiakhabar.com | April 9, 2020 | 5:25 pm IST
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विनय गुप्ता

कोरोना महामारी का केंद्र रहे चीन के वुहान शहर से 76 दिन बाद लॉकडाउन हटा दिया गया। कोरोना वायरस के
मामले सामने आने के बाद 23 जनवरी को शहर में लॉकडाउन का ऐलान किया गया था, जिसके बाद से शहर की
11 मिलियन आबादी को घरों में कैद होकर रहने को मजबूर होना पड़ा था। वुहान कोरोना का केंद्र रहा है और इस
शहर में घातक वायरस की वजह से 3300 से ज्यादा लोगों की जानें गई हैं। 82 हजार से ज्यादा लोग वुहान में
कोरोना से संक्रमित पाए गए थे। 76 दिनों के लॉकडाउन के दौरान वुहान के लोगों को घरों से बाहर निकलने की
सख्त मनाही थी। इस दौरान केवल जरूरी कामो के लिए ही बाहर जान की अनुमति थी। शहर की सीमाओ को सील
कर दिया गया था। लॉकडाउन हटने से जहां स्थानीय लोगों ने राहत की सांस ली है, वहीं दुनिया अभी भी कोरोना
वायरस का गढ़ रहे वुहान शहर को बेहद चौकन्नी नजरों से देख रही है क्योंकि इस महामारी से दुनियाभर में अब
तक 82, 074 लोग मारे गए हैं और 1, 431, 689 लोग संक्रमित हैं।
दरअसल, वुहान से शुरू हुए कोरोना वायरस ने अब पूरे विश्व को अपनी चपेट में ले लिया है। इस महमारी से
195 से ज्यादा देश और क्षेत्र प्रभावित हैं। दुनिया की आधी आबादी लॉकडाउन में जिंदगी बिता रही है। वुहान से
76 दिनों बाद लॉकडाउन हटने के बाद जहां लोगों के लिए उम्मीद की किरण बढ़ी है, वहीं विश्व समुदाय की नजरें

वुहान पर टिकी हैं। लोग टकटकी भरी नजरों से देख रहे हैं कि वुहान के लोग किस तरह से इस महामारी से जुड़ी
यादों और अपनों के खोने के दर्द से उबरेंगे।
वुहान में बुधवार को कोरोना वायरस से संक्रमण के केवल तीन नए मामले सामने आए। यह नहीं मंगलवार को
जनवरी के बाद पहली बार कोरोना से चीन में किसी की मौत नहीं हुई थी। हालांकि चीन के इस आंकड़े को बड़ी
संख्या में लोग संदेहभरी नजरों से देख रहे हैं। चीन ने एक करोड़ 10 लाख की आबादी वाले औद्योगिक शहर
वुहान को जनवरी में लॉकडाउन कर दिया था ताकि कोरोना के प्रसार को रोका जा सके। जनवरी में चीन के इस
कदम की बहुत से लोगों ने आलोचना की थी। हालांकि जैसे-जैसे कोरोना वायरस ने वैश्विक महामारी का रूप लिया,
दुनियाभर में वुहान की तरह से कड़े कदम उठाए गए। नतीजा यह हुआ कि आज आधी दुनिया लॉकडाउन है। माना
जा रहा है कि वुहान में सबसे पहले नौकरी और लोगों की आय बढ़ाने पर फोकस किया जाएगा। लोगों को तभी
जाने दिया जाएगा जब उनके फोन में एक सरकारी एप होगा जिसमें उनके घर का पता, हालिया यात्रा डिटेल और
मेडिकल हिस्ट्री होगी। यह देखा जाएगा कि कहीं उनको संक्रमण का खतरा तो नहीं है। शहर के अंदर अभी भी
कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए बेहद सख्त पाबंदियां लगी हुई हैं। अधिकारी अभी भी लोगों से कह रहे हैं कि
अगर बहुत जरूरी हों तभी घरों से निकलें। वुहान में अभी स्कूल बंद हैं।
भारत में भी 21 दिनों का लॉकडाउन है। इसके खत्म होने की मियाद जैसे-जैसे पास आ रही है, लोगों की उत्सुकता
यह जानने की है कि सरकार क्या फैसला लेगी। क्या 14 अप्रैल के बाद लोग आजाद घूम पाएंगे जैसे कोरोना
वायरस लॉकडाउन से पहले घूमते थे, इस वक्त सभी के मन में यह सवाल चल रहा है। केंद्र और राज्य सरकारें भी
आगे की प्लानिंग में जुटी हैं। अगर 14 तारीख को लॉकडाउन खुलता है तो कुछ शर्तों के साथ खुलेगा। यानी बाहर
जाने की इजाजत होगी लेकिन उस पर कुछ नियम होंगे।
मंत्री समूह की मंगलवार को बैठक हुई थी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाले इस समूह ने ऑड-ईवन लागू
करने, यातायात के सार्वजनिक साधनों में लोगों की संख्या तय करने जैसे सुझाव दिए हैं। यह भी सिफारिश की है
कि मॉल और स्कूल 15 मई तक बंद रखे जाएं और फिलहाल धर्मस्थलों पर रोक जारी रहे। फिलहाल सरकार
इसपर चिंतन कर रही है कि लॉकडाउन को 21 दिनों से आगे बढ़ाया जाए। दरअसल, राज्य सरकारों से उसे ऐसे
सुझाव मिले हैं। महाराष्ट्र, तेलंगाना, पंजाब और मध्य प्रदेश की सरकारों ने लॉकडाउन बढ़ाने का समर्थन किया है।
इस पर आखिरी फैसला 14 अप्रैल से कुछ दिन पहले स्थिति देखकर ही लिया जाएगा। कुल मिलाकर भारत में
अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है। लॉकडाउन बढ़ेगा या नहीं, इसका फैसला बाद में जनता को बता दिया जाएगा, मगर
अभी तो जरूरी यह है कि हम घरों में रहें और सुरक्षित रहें।


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