विनय गुप्ता
पिछले 7 वर्षों में भाजपा और सरकार में बैठे लोग राहुल गांधी को पप्पू बता रहे हैं। पप्पू ना तो कभी मंत्री रहा ना
प्रधानमंत्री बना। हां कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष जरुर थे। जब अध्यक्ष बने तब गठबंधन की सरकार भी नहीं थी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार पूर्ण बहुमत वाली सरकार है। इसमें राहुल गांधी की कोई भूमिका नहीं भी नही
रही। इसके बाद भी भाजपा के नेता हर प्रश्न के जबाब में राहुल को पप्पू बताकर उनसे सवाल करते हैं।
पिछले 7 साल में भाजपा नेताओं ने राहुल गांधी को पप्पू से पहलवान बनाने का काम किया है। भाजपा के
प्रवक्ताओं और नेताओं ने पप्पू के ट्वीट का जबाब पप्पू बताकर हवा में उड़ाने की कोशिश की। किन्तु अब यही
पप्पू जनता के बीच नायक बन रहा है। पिछले 2 वर्षों में राहुल गांधी को पप्पू बनाने के चक्कर में भाजपा के मत्री
और नेता खुद ही पप्पू साबित होने लगे हैं। अब सोशल मीडिया पर जनता, सरकार और भाजपा नेताओं से पूछने
लगी है कि पप्पू क्या हैं। पप्पू प्रधानमंत्री हैं। पप्पू सत्ताधारी पार्टी के अध्यक्ष हैं। पप्पू की पार्टी को सदन में विपक्षी
दल की मान्यता भी नहीं मिली हैं। इसके बाद भी पप्पू का पल्ला पकड़कर सरकार कौन सी बैतरणी पार कर रही
हैं। अब तो यह भी कहा जाने लगा है गाय की पूंछ पकड़ाकर पंडे पूर्वजों को पापों से मुक्ति दिला देते थे। उसी तरह
पप्पू को गाय की तरह इस्तेमाल करके सारे आरोपों से मुक्ति पाने की जुगत भाजपा नेता कर रहे हैं।
अब जनता सोशल मीडिया पर सरकार और भाजपा नेताओं से पूछ रही हैं। नोटबंदी और जीएसटी से देश की अर्थ-
व्यवस्था डूब गई। जीडीपी की ग्रोथ प्लस से माइनस पर चली गई। टेक्सटाइल निर्यात बंद है। गलवान घाटी,
कश्मीर एवं सीमा पर पिछले 7 वर्षों में जितने सैनिक शहीद हुए हैं। उतने सैनिक 1965 और 1971 के युद्ध में
भी शहीद नहीं हुए। भारतीय सीमा के अंदर चीन घुस आया। तिब्बत तक चीन की ट्रेन पहुंच गई। पिछले डेढ़ साल
में करोड़ों लोग बेरोजगार हो गए। अचानक लॉकडाउन लगाने से हजारों मजदूर भूख प्यास से रास्ते में मर गए।
जिनका हिसाब-किताब भी सरकार ने नहीं रखा। कोरोना बीमारी में ऑक्सीजन, दवाईयॉं और अस्पताल में बिस्तर
नहीं मिलने से लाखों मरीजों की मौत हो गई। श्मशान, कब्रिस्तान और गंगा मैय्या लाशों से पट गई। पेट्रोल 105,
डीजल 100 गैस सिलेंडर 850 दाल 200 किलो, तेल 200 रुप्या लीटर, आलू 50 रुप्या किलो बिक रहा है। 12
करोड़ लोग बेरोजगार होकर घूम रहे हैं। राहुल तो पप्पू हैं। सरकार के किसी पद पर नहीं है। सरकार में तो आप बैठे
हैं। राहुल गांधी सरकार से जो सवाल करते हैं। उसका जबाब देने के स्थान पर पप्पू का नाम लेकर बचने से जनता
के बीच पप्पू की लोकप्रियता लगातार बढ़ रहीं है।