हरी राम यादव
राम आराध्य हैं राम श्रमसाध्य हैं,
राम पर राजनीति न करे कोई जना।
राम महान हैं अवध की शान हैं,
उनके नाम की सृष्टि में है वंदना।।
राम पुरूषोत्तम हैं राम सर्वोत्तम है,
जिएं राम का चरित्र करें चरित्र अर्चना।
राम तो अनादि हैं राम तो अनंत हैं,
राम जैसा करो सत्य की स्पंदना।।
पहले से ही राम यत्र तत्र, सर्वत्र हैं,
राम के लाने की न करें अतिरंजना।
राम सर्वज्ञ हैं राम सर्वशक्तिमान हैं,
उनसे न छुपेगी झूठी अभिव्यंजना।।
राम श्रेष्ठ संत है राम सबके कंत हैं,
राम नाम पर न करें किसी की भर्त्सना।
सबके हैं सियाराम सब सियाराम के,
राम जैसे काम कर करें हरी गर्जना।।
दिन भर झूठ बोल घुमा कर गोल गोल,
नहीं हो सकती सभ्य समाज की सर्जना।
सत्य के सवाल पर बवाल कर मित्रों,
कोई नहीं बन सकता आंख का अंजना।।