अशोक कुमार यादव मुंगेली
स्वर्ग से उतर आए भगवान विष्णु,
माँ देवकी के गर्भ से लेने अवतार।
युगपुरुष कृष्ण बनकर जन्म लिया,
अत्याचारी कंस का करने संहार।।
बालपन में राक्षसों का वध किया,
वृंदावन में सखा संग गाय चराये।
बजाकर मनमोहक सुरीली बाँसुरी,
गोपियों को अपने संग में नचाये।।
चौंसठ कलाओं के सर्वश्रेष्ठ ज्ञाता,
द्वापरयुग के आदर्श देव दार्शनिक।
निष्काम कर्मयोगी और स्थितप्रज्ञ,
महान् विश्व गुरु प्रभु द्वारकाधीश।।
विराट रूप तीन लोक, चौदह भुवन,
कुरुक्षेत्र में अर्जुन को किया प्रेरित।
त्रिकर्म, जीवन, सुख-दुःख के चक्र,
गीता ज्ञान के गंगा करके प्रवाहित।।
यादव वंश के शिरोमणि, कुलभूषण,
युगों-युगों तक भारत में यदुवंशी राज।
आपको जन्मदिन की बधाई हो कान्हा,
हम पर कृपा बना कर देना आशीर्वाद।।