प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘नरक का दरवाजा’ कहे जाने वाले मगहर (जिला संतकबीरनगर) से 2019 के लोकसभा चुनाव के लिये बिगुल फूंक दिया है। जनसभा के दौरान मोदी पूरी तरह से चुनावी मूड में दिखे। यहां उन्होंने क्या कहा और इसके क्या राजनैतिक निहितार्थ निकाले जायें, यह जानने−समझने से पूर्व यह जान लेना जरूरी है कि आखिरकार क्यों बीजेपी के रणनीतिकारों ने मगहर से आम चुनाव का श्रीगणेश करना बेहतर समझा। प्रधानमंत्री मोदी ने 28 जून 2018 को संत कबीर के 500 वें महापरिनिर्वाण वर्ष और 620 प्रकट उत्सव पर महगर में रैली को संबोधित करने से पूर्व संत करीब की समाधि पर चादर भी चढ़ाई। इसके साथ ही उन्होंने यहां कबीर रीसर्च इंस्टिट्यूट की नींव भी रखी। इससे पूर्व 24 जून को मन की बात में भी मोदी संत कबीर को याद कर चुके थे।
मगहर से चुनाव का श्रीगणेश करके मोदी ने संत कबीर की उस विचारधारा को आगे बढ़ाने पर जोर दिया जिसके तहत अपनी साखियों और दोहों के माध्यम से कबीर सामाजिक समानता, शांति और भाईचारे को बढ़ावा देना चाहते थे। जो कबीर के आदर्श थे। पीएम मोदी ने भी ऐसे ही विचार रखे हैं। कबीर ने इसी स्थली पर अंतिम सांस लेकर यह भ्रम तोड़ने की कोशिश की थी कि मगहर में मरने वाला व्यक्ति नरक में जाता है। मगहर में कबीर का समाधि स्थल और मकबरा आसपास ही स्थित हैं।
बात वर्ष 2014 के आम चुनाव की कि जाये तो तब भाजपा ने गोरक्ष प्रांत की 13 में से 12 सीटें जीती थीं. हालांकि 2018 के लोकसभा उप−चुनाव में भाजपा को गोरखपुर सदर सीट पर हार का सामना करना पड़ा था। लेकिन अब भी भाजपा के पास 11 सीटें हैं। यह कहने में जरा भी संकोच नहीं होना चाहिए कि चुनावी रणनीति के तहत ही बीजेपी द्वारा प्रधानमंत्री की शुरुआती रैलियां आर्थिक और सामाजिक रूप से पिछड़े जिलों में कराई जा रही हैं। इसका मुख्य उद्देश्य पिछड़े जिलों का सर्वांगीण विकास है। केंद्र सरकार की एक रिपोर्ट के मुताबिक पूर्वांचल के संतकबीरनगर, सिद्धार्थनगर और आजमगढ़ का सर्वांगीण विकास नहीं हो सका है। इस सूची में महराजगंज, बस्ती, मऊ, बलिया का भी नाम है। अब इन जिलों में विकास का पहिया तेज करने की रणनीति बनी है।
प्रधानमंत्री ने जनसभा को संबोधित करते हुए दुख जताया कि आजादी के इतने वर्षों तक देश के कुछ ही हिस्से में विकास की रोशनी पहुंच सकी है। हमारी सरकार का प्रयास है कि भारत भूमि की एक−एक इंच की जमीन को विकास की धारा के साथ जोड़ा जाए। मोदी ने पूर्वी उत्तर प्रदेश और पूर्वी उत्तर भारत का समुचित विकास नहीं होने पर दुख जताते हुए कहा 14−15 वर्ष पहले जब पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम जी यहां आए थे, तब उन्होंने इस जगह के लिए एक सपना देखा था। उनके सपने को साकार करने के लिए मगहर को अंतरराष्ट्रीय मानचित्र में सद्भाव−समरसता के मुख्य केंद्र के तौर पर विकसित करने का काम आज दोगुनी गति से काम हो रहा है, सरकार सबका साथ सबका विकास की भावना से काम कर रही है।
मोदी मगहर पहुंचे तो थे संत कबीर के 500 वें महापरिनिर्वाण वर्ष और 620 प्रकट उत्सव में हिस्सा लेने के लिये लेकिन उन्होंने वोट बैंक की राजनीति भी खूब की. मोदी ने विपक्ष पर हमलावर होते हुए कहा कि देश में मुस्लिम बहनें तीन तलाक से मुक्ति की मांग कर रही हैं, लेकिन तीन तलाक के रास्ते में रोड़े अटकाए जा रहे हैं। कांग्रेस के साथ−साथ सपा−बसपा को भी मोदी ने घेरा और कहा समाजवाद और बहुजन की बात करने वालों का सत्ता के प्रति लालच आप देख रहे हैं, 2 दिन पहले देश में आपातकाल को 43 साल हुए हैं। सत्ता का लालच ऐसा है कि आपातकाल लगाने वाले और उस समय आपातकाल का विरोध करने वाले एक साथ आ गए हैं। ये समाज नहीं, सिर्फ अपने और अपने परिवार का हित देखते हैं। कुछ दल बस कलह और राजनीति चाहते हैं, ये दल समाजवाद और बहुजन वाद के नाम पर ढोंग कर रहे हैं, ये वही लोग हैं जिन्होंने अपने लिए करोड़ों के बंगले बनवाए हैं, ऐसे लोगों से यूपी के लोगों को सावधान रहने की जरूरत है।
मोदी ने हमलावर रूख अख्तियार करते हुए कहा कुछ लोगों का मन अपने आलीशान बंगले से लगा हुआ है। आज महापुरुषों के नाम पर राजनीति हो रही है। ऐसे लोग जमीन से कट चुके हैं। कुछ दलों को शांति और विकास नहीं, कलह और अशांति चाहिए। उनको लगता है जितना असंतोष और अशांति का वातावरण बनाएंगे उतना राजनीतिक लाभ होगा। सच्चाई ये है ऐसे लोग जमीन से कट चुके हैं। इन्हें अंदाजा नहीं कि संत कबीर, महात्मा गांधी, बाबा साहेब को मानने वाले हमारे देश का स्वभाव क्या है। मोदी ने कहा ये हमारे देश की महान धरती का तप है, उसकी पुण्यता है कि समय के साथ, समाज में आने वाली आंतरिक बुराइयों को समाप्त करने के लिए समय−समय पर ऋषियों, मुनियों, संतों का मार्गदर्शन मिला। सैकड़ों वर्षों की गुलामी के कालखंड में अगर देश की आत्मा बची रही, तो वो ऐसे संतों की वजह से ही हुआ। कबीर विचार बनकर आए और व्यवहार बनकर अमर हो गए। संत कबीर भीतर से कोमल और बाहर से कठोर थे। वे जन्म से नहीं अपने कर्म से वंदनीय हो गए, समाज जागरण के लिए कबीर काशी से मगहर आए, मुझे भी मगहर की पावन धरती पर आकर संतोष मिला, संपूर्ण मानवता के लिए कबीर दास उम्दा संपत्ति छोड़ गए। मोदी ने कहा समाज को सदियों से दिशा दे रहे मार्गदर्शक, समभाव और समरसता के प्रतिबिम्ब महात्मा कबीर को उनकी ही निर्वाण भूमि से मैं उन्हें कोटि−कोटि नमन करता हूं। पीएम मोदी ने अपने संबोधन की शुरूआत भोजपुरी में भाषण से की। मोदी हर महीने यूपी में कहीं न कहीं रैली करेंगे।
बीजेपी के सूत्रों के अनुसार मगहर (संतकबीरनगर) के बाद प्रधानमंत्री की रैली मुलायम के संसदीय क्षेत्र आजमगढ़ में होगी। जुलाई के दूसरे सप्ताह में प्रस्तावित इस रैली में प्रधानमंत्री पूर्वांचल एक्सप्रेस−वे का शिलान्यास करेंगे। सिद्धार्थनगर में भी प्रधानमंत्री की रैली होनी है, परंतु अभी इसकी तारीख तय नहीं है।
उधर मोदी से पूर्व योगी ने अपने संबोधन में कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश में बीमारियों पर काबू करने का प्रयास किया जा रहा है। देश के गांव−गरीब और किसान के लिए सरकार ने काम किया है। स्वच्छता को बढ़ावा देते हुए एक साल में प्रदेश में 72 लाख से भी ज्यादा शौचालय का निर्माण किया गया।
योगी ने कबीर टोपी पहनने से किया मना
इससे पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पीएम नरेंद्र मोदी के दौरे से एक दिन पहले मगहर जाकर तैयारियों का जायजा लिया। योगी कबीर की मजार भी गए थे। मजार पहुंचने पर वहां के संरक्षक ने उन्हें कबीर टोपी पहनाने की कोशिश की। इस पर योगी ने टोपी पहनने से इनकार कर दिया।