विनय गुप्ता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार सुबह नौ बजे देश को एक वीडियो संदेश दिया। सबसे पहले उन्होंने देशवासियों को
लॉक डाउन के भरपूर समर्थन के लिए जनता को धन्यवाद किया उसके बाद उन्होंने जनता के नौ मिनट भी मांग
लिए। पीएम मोदी ने वीडियो संबोधन में कहा कि पांच अप्रैल (रविवार) की रात नौ बजे नौ मिनट तक अपने घरों
की लाइट बंद रखें और इस दौरान अपने घरों के दरवाजे पर या फिर बालकनी पर आकर रोशनी प्रज्वलित करें।
आखिरकार पीएम मोदी नौ मिनट में देश को क्या संदेश देना चाहते हैं। यह सवाल बहुत सारे लोगों के मन में कौंध
रहा होगा। इसका संदेश बेहद गूढ़ है, मगर अभी तो पांच अप्रैल की रात नौ बजे आपको अपने घरों पर सोशल
डिस्टेंस को फॉलो करते हुए रोशनी करनी है। ये नौ मिनट तक करना है। पीएम मोदी ने संदेश दिया कि हम सबको
मिलकर कोरोना के संकट के अंधकार को चुनौती देनी है। उसे प्रकाश की ताकत का परिचय करना है। इस 5 अप्रैल
को हमें 130 करोड़ देशवासियों की महाशक्ति का जागरण करना है। पांच अप्रैल की रात नौ बजे अपने घरों की
लाइट बंद कर देनी है। इसके बाद घर के दरवाजे पर या बालकनी में खड़े रहकर 9 मिनट के लिए मोमबत्ती, दिया,
टॉर्च या मोबाइल की फ्लैशलाइट जलाएं। इससे पहले पीएम मोदी ने 22 मार्च की रात आठ बजे राष्ट्र को संबोधित
किया था। इस दौरान उन्होंने लोगों से अपील की थी कि कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रहे वो सभी लोग जो अपने
घरों से दूर 24-24 घंटे लोगों की मदद कर रहे हैं उनका सम्मान और उत्साहवर्धन करें। जिसके लिए उन्होंने ताली
और थाली बजाने की अपील की थी लेकिन इसकी आड़ में कई जगह सोशल डिस्टेंस की धज्जियां उड़ा दी गईं।
अलग-अलग शहरों से ऐसी तस्वीरें आईं जहां पर लोग इकट्ठा होकर नाच गाना करने लगे। जिसके बाद पीएम
मोदी ने गुस्सा भी जाहिर किया था। इसीलिए इस बार मोदी ने सोशल डिस्टेंशिंग की अपील की है। इस बार इस
बात का ध्यान रखना है कि कही भी इकट्ठा नहीं होना है। अपने घरों पर रहकर दरवाजे या बालकनी पर आपको
रोशनी करनी है। घर के सदस्यों से भी जितना हो सके उतनी दूरी बनाकर रखें। कोरोना से लड़ाई लडऩे के लिए दूरी
ही सबसे बड़ा हथियार है।
पिछली बार जब पीएम मोदी ने ताली और थाली बजाने की अपील की थी तो लोगों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया था।
लेकिन वो उन लोगों के लिए था जो कोरोना को हराने के लिए जुटे हुए हैं। इस बार पीएम मोदी ने जो रोशनी की
बात कही है ये हर एक देशवासी के लिए है। पिछले काफी दिनों से लोग अपने घरों पर कैद हैं। इस दौरान लोगों के
मन में एक आशंका और है कि आखिरकार कब तक। पीएम मोदी की इस पहल का उद्देश्य है लोगों को ये
समझाना है कि इस लड़ाई में पूरा देश उनके साथ है। बहरहाल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आज के संदेश को कुछ
लोग तमाशा बताने से नहीं चूकेंगे…लेकिन सब जानते हैं कि जब मोदी बोलते हैं तो उनके हर शब्द में कुछ गूढ़
छिपा होता है। कोरोना से जंग जीतने की यह कोरी कल्पना नही है वरन आंकड़े बता रहे हैं कि भारतीयों के जज्बे
और के चलते भारत यह जंग जीतने की ओर है। 130 करोड़ के देश मे इस भयानक महामारी से महज दो से तीन
हजार लोगों का प्रभावित होना और 50 के आसपास का जान गंवाना इस बात को साबित करता है कि देश के
लोगों ने किस तरह बेहद सीमित स्वास्थ्य संसाधनों के बल बूते पर महज संयम से इस लड़ाई को लगभग जीत
लिया है। नहीं तो इटली अमेरिका और यूरोपीय देशों के हाल से सब वाकिफ हैं। कमाल हैं मोदी जिन्होंने इस
अघोषित जीत का श्रेय देश की पूरी 130 करोड़ जनता को देते हुए कुछ लोगों की नादानियों पर कोई सवाल न
खड़ा करते हुए सबका दिल जीतने की कोशिश की है। वे चाहते तो निजामुद्दीन, इंदौर और कुछ और जगह एक
समुदाय की नादानियों को इंगित कर सकते थे लेकिन यह सब उन्होंने प्रशासन और आमजन के विवेक पर छोड़
दिया जिन पर उन्हें पूरा विश्वास है। इस सबके बावजूद अभी संकट पूरी तरह समाप्त नहीं हुआ है…इसलिए कोरोना
के खिलाफ भारत में रामबाण बन चुकी सोशल डिस्टेंसिंग का पूरी तरह पालन करें और विश्वास रखें जल्द ही
दूरियां नजदीकियों में शुमार होने की ओर अग्रसर हैं।