‘मोदियों’ के बारे में राहुल गांधी का वक्तव्य क्या ओबीसी का अपमान है?

asiakhabar.com | March 31, 2023 | 4:23 pm IST
View Details

-राम पुनियानी-
भारत छोड़ो यात्रा के बाद राहुल गांधी के बारे में ज्यादातर लोगों के नजरिए में बड़ा बदलाव हुआ है और अब उन्हें एक प्रमुख विपक्षी नेता की तरह देखा जाने लगा है। उन्होंने केब्रिज-लंदन में अपने भाषणों में वे मुद्दे ही उठाए जो उन्होंने अपनी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान उठाए थे। उन्हें अब तोड़-मरोड़कर पेश किया जा रहा है और दक्षिणपंथी राजनीतिक दलों और समूहों द्वारा उन्हें देशद्रोही बताया जा रहा है, जो गलत है।
गुजरात के एक भाजपा नेता ने नीरव मोदी, ललित मोदी और मेहुल चौकसी के संबंध में राहुल गांधी के इस कथन को मुद्दा बना लिया कि इन सभी चोरों का उपनाम मोदी क्यों है। यह बात उन्होंने कर्नाटक में दिए गए एक भाषण में कही थी। उक्त नेता पुर्नेश मोदी ने यह तर्क देते हुए मुकदमा दायर कर दिया कि राहुल मोदियों का अपमान कर रहे हैं। यह स्पष्ट है कि वक्तव्य में यह नहीं कहा गया था कि सभी मोदी चोर हैं बल्कि यह कहा गया था कि चोरों का उपनाम मोदी है। बहरहाल निचली अदालत ने राहुल को दोषी पाया और उन्हें दो साल के कारावास की सजा सुनाई जो ऐसे मामलों में अधिकतम निर्धारित दंड है। साथ ही अदालत ने उन्हें जमानत दी और ऊपरी अदालत में अपील करने के लिए एक माह का समय भी।
प्रकरण में आगे क्या होता है इसका इंतजार किए बगैर लोकसभा सचिवालय ने राहुल गांधी की लोकसभा की सदस्यता समाप्त कर दी। इसके साथ ही भाजपा शोर मचा रही है कि राहुल ने ओबीसी का अपमान किया है और उनके खिलाफ राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन कर रही है। कांग्रेस, राहुल गांधी के समर्थन और उनकी सदस्यता समाप्ति के विरोध में पूरे देश में आंदोलनरत है।
सन् 2014 के चुनाव के पहले मणिशंकर अय्यर, जो उस समय कांग्रेस में थे, ने राजनीति की स्थिति को दर्शाने के लिए ‘नीच’ शब्द का प्रयोग किया था। बीजेपी के विशाल और अत्यंत कार्यकुशल प्रचारतंत्र ने ‘नीच’ शब्द, जो निम्न स्तर के पर्यायवाची के रूप में प्रयुक्त किया गया था, को नीची जाति के अर्थ में परिवर्तित कर दिया और चुनाव में इसका भरपूर फायदा उठाया। भाजपा ने देश में यह गलत प्रचार किया कि कांग्रेस ने निम्न जातियों का अपमान किया है। एक बार फिर पार्टी शायद वही रणनीति अपनाने जा रही है और उसके जरिए ओबीसी की सहानुभूति हासिल करना चाहती है। जबकि सच यह है कि जो दो मोदी बैंकों का पैसा डकारकर विदेश भागे हैं उनमें से एक भी ओबीसी नहीं है। हमें यह भी नहीं भूलना चाहिए कि हाल में भारत सरकार ने मेहुल चौकसी को एंटीगुआ की नागरिकता हासिल करने के लिए अनापत्ति प्रमाणपत्र जारी किया था।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *