मेरी भोली भोली माँ

asiakhabar.com | September 14, 2024 | 4:30 pm IST

तनीषा मिश्रा
सैलानी, उत्तराखंड
माँ तुम कितनी भोली हो,
समझती मेरी हर बोली हो,
तुम क्यों नहीं हंसती रहती हो?
क्यों हरदम उदास रहती हो?
तुम अपनी दुखभरी कहानी,
मुझे क्यों नहीं सुनाती हो?
क्यों छुपाती हो मुझसे हर बात,
क्यों समझती हो मुझे नादान?
माना कि मैं नादान हूँ,
पर समझती आपकी हर बात हूँ,
मेरी नस नस में तुम घुली हो,
माँ, तुम कितनी भोली हो॥


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