अशोक कुमार यादव मुंगेली
मेरा सच्चा साथी माता और पिता है,
जिसने पालन-पोषण कर बड़ा किया।
मेरा सच्चा साथी महाज्ञानी गुरुदेव है,
जिसने मुझे काबिल बनने ज्ञान दिया।।
मेरा सच्चा साथी शिक्षामणी पुस्तक है,
जिसे पढ़कर मैंने सफलता प्राप्त की।
मेरा सच्चा साथी हर वो नेक इंसान है,
जिसने दुःख के समय में मेरी मदद की।।
मेरा सच्चा साथी शरीर के प्रत्येक अंग है,
जो मुझे कर्म करने के लिए किया प्रेरित।
मेरा सच्चा साथी हमउम्र के सभी मित्र है,
जो गुणों और अवगुणों को किये चित्रित।।
सच्चा साथी भगवान कृष्ण और सुदामा थे,
केवल नाम सुनकर ही प्रभु दौड़े चले आये।
विप्र के मनोकामना पूरी हुई, खुशियाँ मिली,
सखा को भाव विभोर होकर गले से लगाये।।