हरी राम यादव
चढ़ सफलता की सारी सीढ़ी,
मामा के घर पहुंचा चंद्रयान -3।
खुश होकर चंद्रयान ऐसा झूमा,
जैसा झूमता ब्याल सुन बीन।
चंदा मामा के छूकर पावन पैर ,
लिया युग युग जिओ आशीर्वाद।
नाना नानी के भी गले मिलकर,
करेगा उनसे जी भरकर संवाद।
मामा के गांव में घूम – घूमकर,
देखेगा ताल, तलैया और गड्ढे।
नदी, नालों की सैर पर जाकर,
लायेगा सबकी फोटो बड्डे बड्डे।
मामा के खेतों की मिट्टी को भी,
लायेगा छोटी शीशी में भरकर।
कंकड़ , पत्थर, राख, रेत को,
ले आयेगा अपने संग जमकर।
सभी को दिखाएग और सुनायेगा,
अपने मामा के गांव की कहानी ।
सुनकर सारे गांव देश के बच्चे,
हर्षित हो खूब जतायेंगे हैरानी ।।