पुस्तकों से ज्ञान अर्जित करें -डॉ.पाल

asiakhabar.com | August 10, 2024 | 4:06 pm IST

विश्व हिंदी साहित्य सेवा संस्थान, प्रयागराज, उत्तर प्रदेश की बाल संसद इकाई की आभासी गोष्ठी में विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ. हरि सिंह पाल ,नागरी लिपि परिषद् ,महामंत्री ,दिल्ली ने अपना मंतव्य देते हुए कहा कि, हमें वसुधैव कुटुंबकम की भावना के साथ मानव कल्याण के लिए कार्य करना चाहिए।मैथिलीशरण गुप्त, श्री कृष्ण जन्माष्टमी,खेलदिवस ,भारत छोड़ो आंदोलन विषयों पर विशाल धाकड़ ,कीर्ति धाकड़, दिव्या बरनाल आयुश चौपड़ा ,यशिका चतुर्वेदी ,अनुज, कोमल जाट ,आनंदी पवार , मोहित विश्वकर्मा, सुरेंद्र बरखेड़ी और पूनम कुशवाह आदि बच्चों ने कविता एवं विचार व्यक्त किए।
मुख्य अतिथि ,अब्दुस्समद, जयपुर, राजस्थान ने कहा, 8 अगस्त 1942 की पूर्व संध्या पर गांधी जी ने करो या मरो का नारा दिया।
श्रीमती फरहतुन्नीसा खान ,सिरोंज मध्य प्रदेश , बाल संसद ,उप प्रभारी ने प्रश्नोत्तरी करवाया , इसमें बच्चों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। यशिका चतुर्वेदी,बाल संसद प्रभारी, राजस्थान विजेता रहीं।
विश्व हिंदी साहित्य सेवा संस्थान, प्रयागराज, उत्तर प्रदेश के कार्यकारी अध्यक्ष श्री ओम प्रकाश त्रिपाठी जी ने कहा, हमें भव्य भारत का निर्माण करना है, साहित्यकार जो होता है समाज की दशाएं और दशा देखकर के वह अपने समाज को सुंदर बनाने की कोशिश करता है ,उसी के माध्यम से बच्चों के ऊपर भी उसकी एक आकृति जाती है, उसका अक्ष उनके ऊपर जाता है, बच्चों के अंदर भी रचनाशीलता का भाव उनके अंदर पैदा होते हैं।
कार्यक्रम का सफल संचालन स्वरा त्रिपाठी, उत्तर प्रदेश, सचिव ,विश्व हिंदी साहित्य सेवा संस्थान ,बाल संसद इकाई, ने किया।कार्यक्रम की शुरुवात यशिका चतुर्वेदी, बाल संसद, राजस्थान प्रभारी की सरस्वती वंदना से हुआ। कार्यक्रम में स्वागत भाषण श्रीमती फरहतुन्नीसा खान, बाल संसद ,उप प्रभारी ने किया।
कार्यक्रम संयोजक डॉ. रश्मि चौबे ,राष्ट्रीय प्रभारी ,विश्व हिंदी साहित्य सेवा संस्थान, बाल संसद इकाई, प्रयागराज ,उत्तर प्रदेश ने आभार व्यक्त करते हुए मैथिलीशरण गुप्त जी की पंक्तियां दोहराईं -जिसको न निज देश,निज गौरव पर अभिमान है। वह नर नहीं है, पशु निरा और मृतक सामान है।
डॉ.गोकुलेश्वर द्विवेदी, सचिव ,विश्व हिंदी साहित्य सेवा संस्थान, प्रयागराज, उत्तर प्रदेश,डॉ.दीपाली,प्रमिला ,जितेंद्र कुमार, कृष्ण कुमार, बावला गरेहबाल,राकेश कुमार डांगोदरा, ओम प्रकाश त्रिपाठी, मध्य प्रदेश,संतोष , अनीता सक्सेना ,रामचंद्र स्वामी आदि अन्य अनेक विद्वानों ने भाग लिया।


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