विकास गुप्ता
कश्मीर मुद्दे पर 24 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक के बाद पाकिस्तान ने जिस
तरह की प्रतिक्रिया दी थी, उसमें उसकी खीझ स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही थी। पाक के विदेश मंत्री शाह महमूद
कुरैशी ने एक के बाद एक कई बयान दिए, सभी का सार यही था कि पाकिस्तान किसी भी सूरत में कश्मीर में
अमन चैन सुधरते नहीं देख सकता। इस बैठक के तीन दिन बाद ही पाकिस्तान की तरफ से कायराना हरकत
सामने आ गई है। दिन में श्रीनगर के बर्बर शाह इलाके में पुलिस और सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स की जॉइंट पार्टी पर
आतंकियों ने ग्रेनेड से हमला कर दिया। इसमें जवानों को तो नुकसान नहीं हुआ लेकिन, एक महिला समेत चार
नागरिक घायल हो गए। इनमें से एक ने बाद में दम तोड़ दिया। मरने वाले की पहचान मुदासिर अहमद के रूप में
हुई है। जम्मू-कश्मीर पुलिस के मुताबिक, घटना शाम करीब 6 बजे की है। इसके बाद देर रात जम्मू में एयरफोर्स
स्टेशन के टेक्निकल एरिया में 5 मिनट के अंदर 2 ब्लास्ट साबित करते हैं कि पाकिस्तान की नीयत में क्या है।
हालांकि, उसने अब तक इस पर कुछ कहा नहीं है, मगर धमाके में जिस ड्रोन का इस्तेमाल किया गया, उसकी
तकनीकी से वह पल्ला नहीं झाड़ सकता। बता दें कि जम्मू एयरफोर्स स्टेशन के टेक्निकल एरिया के पास धमाका
होने से एयरफोर्स के 2 जवानों को हल्की चोटें आई हैं। यहां 5 मिनट के अंतराल पर दो ब्लास्ट हुए। पहला ब्लास्ट
परिसर की बिल्डिंग की छत पर और दूसरा नीचे हुआ। विस्फोट करने के लिए दो ड्रोन इस्तेमाल किए गए थे।
हमलावरों का पता नहीं चल पाया है, लेकिन आशंका है कि विस्फोट वाले इलाके में खड़े एयरक्राफ्ट उनके निशाने
पर थे। धमाके की आवाज काफी दूर तक सुनाई दी। घटना शनिवार आधी रात करीब 1.45 बजे की है। जहां यह
घटना हुई है, उसी कैंपस में जम्मू का मुख्य एयरपोर्ट भी आता है। वायुसेना, नौसेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस के
अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर हालात का जायजा लिया है। भारतीय वायुसेना की एक हाईलेवल टीम इस घटना
की जांच में लगी है। बताया जा रहा है कि इस साजिश को अंजाम देने के लिए पी-16 ड्रोन का इस्तेमाल किया
गया है। ये ड्रोन काफी नीचे उड़ सकता है। इसकी वजह से कई बार यह रडार की नजर से भी बच जाता है। ड्रोन
का संभावित लक्ष्य एक विमान था। हवाई मार्ग से एयरपोर्ट से मकवाल बॉर्डर की दूरी करीब पांच किलोमीटर है।
इसके साथ यह बात भी सामने आ रही है कि ड्रोन में जीपीएस लगा था। आशंका जताई जा रही है कि इस ड्रोन को
सीमा पार से हैंडल किया जा रहा था। ड्रेान के जरिए सीमा पर पाकिस्तान पहले भी हरकत करता रहा है। कुछ दिन
पहले ही ऐसे कई ड्रोन पकड़े गए हैं, जो आतंकियों तक हथियार पहुंचा रहे थे। इन हथियारों पर मेड इन पाकिस्तान
की मुहर भी थी। इन दिनों पाकिस्तान की बौखलाहट इसलिए भी बढ़ी हुई है कि कश्मीर मसले पर उसे दुनिया में
कहीं से कोई मदद नहीं मिल रही है। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निष्क्रिय करने के भारत के फैसले को
अमेरिका सहित सारे देशों ने इसे भारत का अंदरूनी मामला करार दे दिया है। संयुक्त राष्ट्र में भी पाकिस्तान को
मुंह की खानी पड़ी है। पाकिस्तान के गृह मंत्री और विदेश मंत्री तक खुलेआम कह रहे हैं कि कश्मीर पर पाकिस्तान
को किसी का साथ नहीं मिल रहा। इसीलिए पाकिस्तान आतंकियों की आड़ में अपनी खीझ निकाल रहा है। इसलिए
वह किसी भी तरीके से वहां शांति के प्रयासों को धक्का पहुंचाना चाहता है। सीमाई क्षेत्रों में गोलीबारी करने का बड़ा
मकसद भारतीय सीमा क्षेत्र में आतंकियों की घुसपैठ कराना भी है। इन आतंकियों के जरिए हथियार, विस्फोटक,
नकली मुद्रा और मादक पदार्थों की खेप तक पहुंचाई जाती है और आतंकी हमलों को अंजाम दिया जाता है।
आतंकियों की घुसपैठ करवाने के लिए पाकिस्तान ने पूरी नियंत्रण रेखा पर आतंकियों को घुसाने के ठिकाने बना
रखे हैं। हाल में जम्मू क्षेत्र में ऐसी ही एक सुरंग का भी पता चला। पाकिस्तान अपनी आतंकवाद की नीति छोड़
नहीं सकता, यह सब जानते हैं। ऐसे में उसे उसी की भाषा में जवाब देना ही एकमात्र इलाज है।