हरी राम यादव
हे देश के जन गण मन,
तुमको सैनिक करें नमन।
तुमसे ही तो है सुरभित,
सेना का सुरक्षा उपवन ।
तुम मेहनत करके खेतों में,
हमारे लिए अन्न उपजाते हो।
तुम स्वयं भूख से पीड़ित रह,
हमको भर पेट खिलाते हो।
मौसम की परवाह किये बिन,
तुम मेरे लिए शस्त्र बनाते हो,
जब आता है देश पर संकट,
तुम बिन सोये, लग जाते हो।
लिख कर मुझको तुम पाती,
मेरा उत्साह खूब बढ़ाते हो।
जब हम युद्ध क्षेत्र में जाते है,
तुम स्नेह की माला पहनाते हो।
तुम बिन लड़ना युद्ध असंभव,
तुम ही हर चीज पहुंचाते हो।
सदा संग खड़े रहते तुम मेरे,
हमसे मिल ग्यारह बन जाते हो ।।
मेरा बल दुगना हो जाता,
जब तुम लगाते जयकारा।
नमन तुम्हे है देश की जनता,
सैल्यूट स्वीकार करो हमारा।।