-सनत जैन-
20 जुलाई से लेकर 11 अगस्त तक संसद का मानसून सत्र आहूत किया गया है। 23 दिन में संसद की 17 बैठकें होंगी। संसद का मानसून सत्र काफी हंगामेदार होने की संभावना व्यक्त की जा रही है। पिछले 2 महीने से मणिपुर में हिंसा भड़की हुई है। इसमें 130 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। 60 हजार से ज्यादा मणिपुर के लोग अपनी जान बचाने के लिए अपने ही राज्य में अपने घरों को छोड़कर शरणार्थी शिविरों में रहने के लिए विवश हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राजकीय यात्रा में अमेरिका गए थे। विपक्षी दलों की एकता, किसानों के मुद्दे,नई संसद के उद्घाटन समारोह का विपक्षी दलों द्वारा बहिष्कार, पहलवानों की गिरफ्तारी,महंगाई जैसे मुद्दों पर संसद की कार्यवाही के दौरान, सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच बड़े पैमाने पर टकराव की आशंका व्यक्त की जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भोपाल में जिस तरह से विपक्षी दलों को ललकारा है। उन्हें जेल भेजने की गारंटी दी है। सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की पीठ की संवैधानिक आदेश के बाद दिल्ली सरकार को नियंत्रित करने और सुप्रीम कोर्ट के आर्डर को निष्फल करने के लिए जो अध्यादेश केंद्र सरकार द्वारा लाया गया है। उसको लेकर संसद की कार्रवाई चल पाएगी, या हो- हल्ले के बीच कोई संसद मे कोई काम होगा,या नहीं इसको लेकर अभी से आशंका प्रकट की जा रही है। सरकार समान नागरिक संहिता का बिल भी इस सत्र में पेश कर सकती है। केंद्र सरकार ने इसका ड्राफ्ट भी जारी नहीं किया है और आपत्ति और सुझाव मांगे हैं। राहुल गांधी का अमेरिका दौरा और उनकी लोकसभा से सदस्यता निरस्त होने पर कांग्रेस और विपक्षी दलों का रवैया बहुत आक्रमक होगा। नये संसद भवन की आसंदी में स्थापित सिंगोल को लेकर लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही को प्रभावित करेगा। सत्ता पक्ष और विपक्ष के जो तेवर देखने को मिल रहे हैं। उससे मानसून सत्र को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं पक्ष और विपक्ष के सदस्यों के बीच हो रही हैं। सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों आक्रामकता के साथ तैयारियों में जुटे हुए हैं। लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही को लेकर सदस्यों द्वारा जिस तरह की तैयारी की जा रही है। उसको लेकर यह कहा जा सकता है, कि संसद किसी लड़ाई के मैदान से कम नहीं होगा। जहां पक्ष और विपक्ष अपना बल दिखाने का कोई मौका नहीं चूकेंगे। संभावना व्यक्त की जा रही है, नये संसद भवन मे प्रथम बार आयोजित होने वाला मानसून सत्र भारत के संसदीय इतिहास मैं एक नया अध्याय रचने जा रहा है। इसको लेकर सभी की उत्सुकता बढ़ी हुई है। पक्ष और विपक्ष की राजनीति सरगर्मी बढ़ी हुई है अब देखना है,कि किसके तरकस में कौन-कौन सी तीर हैं, वह किस तरह से चलते हैं, कौन उन तीनों से घायल होगा। इसमें कौन जीतेगा और कौन हारेगा।