-सिद्धार्थ शंकर-
भारत सरकार ने एक बार फिर चीन पर डिजिटल स्ट्राइक की है। भारत की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने वाले
54 चीनी ऐप्स पर भारत सरकार प्रतिबंध लगाएगी। एएनआइ के अनुसार, इन 54 चीनी ऐप्स में ब्यूटी कैमरा:
स्वीट सेल्फी एचडी, ब्यूटी कैमरा: सेल्फी कैमरा, ईक्वलाइजर एंड बेस बूस्टर, कैमकार्ड फॉर सेल्सफोर्स एंट, इसोलैंड 2:
एशेज ऑफ टाइम लाइट, वीवा वीडियो एडिटर, टेनसेन्ट एक्सराइवर, ऐप लॉक और डुअल स्पेस लाइट शामिल हैं।
दरअसल, इससे पहले पिछले साल जून में भारत ने देश की संप्रभुता और सुरक्षा के खतरे को ध्यान में रखते हुए
व्यापक रूप से उपयोग किए जाने वाले सोशल मीडिया प्लेटफार्म जैसे टिकटाक, वीचैट और हेलो सहित 59 चीनी
मोबाइल एप्लिकेशन पर प्रतिबंध लगा दिया था। 29 जून के आदेश में प्रतिबंधित अधिकांश ऐप्स को लेकर खुफिया
एजेंसियों ने चिंता जाहिर करते हुए कहा था कि, उपयोगकर्ता डेटा एकत्र कर रहे हैं और संभवत: उन्हें बाहर भी भेज
रहे हैं। चीन के एप्स पर पाबंदी के फैसले के बाद निरंकुश चीनी नेतृत्व और उसकी शरारती सेना अपनी हरकतों से
बाज आएगी, इस बारे में कुछ कहना कठिन है। भारत इसके पहले भी चीन के सौ से अधिक एप्स को प्रतिबंधित
कर चुका है। इसके बावजूद उसकी सेना लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर छेडछाड़ करने में लगी हुई है। चीनी
सेना किस तरह बेलगाम होकर अपनी करनी पर आमादा है, इसका पता इससे चलता है कि बीते दिनों उसने उस
वक्त सीमा रेखा का अतिक्रमण करने की कोशिश की, जिस समय दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों के बीच बातचीत
हो रही थी। स्पष्ट है कि चीन आसानी से मानने वाला नहीं है। उसे सख्त संदेश देने के लिए यह आवश्यक है कि
आर्थिक मोर्चे पर उसके खिलाफ ऐसे बड़े फैसले लिए जाएं जो उसकी अर्थव्यवस्था को तगड़ा नुकसान पहुंचाएं। इसी
के साथ सैन्य मोर्चे पर और अधिक चौकसी बरतनी होगी। यह चौकसी लद्दाख के साथ-साथ उन सभी इलाकों में
बरती जाए, जहां चीन की सीमा लगती है। भारत को अपनी सैन्य तैयारियों के जरिये चीन को यह संदेश देने की
जरूरत है कि अगर उसने सीमा पर यथास्थिति बदलने की कोशिश की तो उसे अनुमान से अधिक करारा जवाब
मिलेगा। इसके लिए प्रत्येक स्तर पर सैन्य तैयारी तेज करनी होगी और इस क्रम में सेना की हर जरूरत को
प्राथमिकता के आधार पर पूरा करना होगा। चूंकि चीन न केवल अहंकार के नशे में चूर है, बल्कि उसे अपने
अंतरराष्ट्रीय मान-सम्मान की भी कहीं कोई चिंता नहीं, इसलिए भारत को दुनिया के प्रमुख राष्ट्रों को यह समझाना
होगा कि वह केवल निंदा-भत्र्सना से सही राह पर आने वाला नहीं है। आखिर यह एक तथ्य है कि सभी प्रमुख देशों
की ओर से उसके उद्दंड रवैये की निंदा की जा रही है, फिर भी उसकी सेहत पर कोई असर पड़ता नही दिख रहा है।
चीनी एप्स पर यह 'स्ट्राइक हमारी सीमा में घुसी चीनी सेना को वापस लौटने पर कितना मजबूर करेगी, कहना
मुश्किल है, लेकिन इससे चीन थोड़ा चिंतित जरूर हुआ है। उसने चेतावनी दी है कि 'राष्ट्रवादी तरीकों से चीन को
झुकाया नहीं जा सकता। उसने अंतरराष्ट्रीय कानूनों की दुहाई भी दी है। समझने की बात यह भी है कि चीनी एप्स
पर रोक से चीन को वास्तव में कितना नुकसान होगा, होगा भी या नहीं, खुद भारत पर इसका क्या असर होगा, और
क्या यह चीन की सैनिक दबंगई के मुकाबिल हमारे पास 'लोकल व 'स्वदेशी का हथियार है? क्या हम इस हथियार
से चीन को उसके महत्वाकांक्षी 'वन बेल्ट-वन रोड’ परियोजना पर आगे बढऩे से रोक पाएंगे? क्या इस डिजिटल
स्ट्राइक का सकारात्मक असर 'डिजिटल राष्ट्रवाद के विस्तार में होगा?