संयोग गुप्ता
कोरोना संकट के बीच चीन का एक और घटिया चेहरा सामने आया है। अमेरिका का दावा है कि चीन पीपीई किट
की जमाखोरी कर उसे महंगे दाम में बेच रहा है। व्हाइट हाउस के एक सीनियर अधिकारी ने दावा किया है कि
अमेरिका के पास इस बात के सबूत हैं कि जनवरी और फरवरी में चीन ने 18 गुना अधिक मास्क और निजी
सुरक्षात्मक उपकरण (पीपीई) मंगाए थे जिसे अब वह ऊंची दरों पर बेच रहा है। चीन पर लगाए गए अमेरिका के
आरोप सिद्ध हो पाते, इससे पहले भारत में रैपिड टेस्ट किट पर बवाल मच गया है। यह किट चीन से मंगाई गई
थीं। इससे पहले चीन से ही दान में आईं पीपीई किट के घटिया पाए जाने के बाद संदेह खड़ा हो गया था। अब
भारत ने जांच किट पर रोक लगा दी है और उसका परीक्षण किया जा रहा है। यह लगातार दूसरी बार है, जब चीन
ने घटिया सामग्री भेजी है। कोरोना का संकट सिर्फ भारत ही नहीं पूरी दुनिया को अपनी जद में लिए है। खुद चीन
भी इससे नहीं बचा है। एक तरह से वह इस वायरस का जनक है। जब पूरी दुनिया कोरोना से बेपरवाह थी, तब
चीन इस महामारी से जूझ रहा था। ऐसे में भला वह आवश्यक सामग्री को लेकर अव्वल दर्जे की लापरवाही कैसे
बरत पाया, यह समझ से परे है। खैर, अभी भारत चीन से मिले धोखे का परीक्षण कर रहा है। क्योंकि कई
विशेषज्ञ यह भी दावे कर रहे हैं कि हो सकता है कि कहीं हमारा टेस्ट करने का तरीका ही गलत हो।
कोरोना के खिलाफ जंग में हर देश पूरी ताकत से जुटा हुआ है। कोरोना को मात देने के लिए भारत ने रैपिड टेस्ट
किट चीन से मंगवाए लेकिन उस किट के गुणवत्ता पर बड़े सवाल उठे हैं। सबसे पहले राजस्थान ने रैपिड किट से
जांच को रोक दिया। फिर इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने भी अगले दो दिनों तक सभी राज्यों को इस
किट से जांच रोकने को कहा। ऐसे में चीन से आए इन किटों पर कई सवाल उठ रहे हैं। क्या चीन ने जानबूझकर
भारत को खराब किट भेजे। कहा तो यह भी जा रहा है कि चीन भारत को और पहले ही किट देने का वादा किया
था लेकिन वह किट अमेरिका भेज दिए गए।
तो क्या चीन ने भारत को धोखा दिया है। पहला सवाल है कि क्या चीन ने जानबूझकर भारत को खराब किट भेजी
है। चीन अपने प्रांत हुबेई में कोरोना से निपटने के बाद पूरी दुनिया को रैपिड टेस्टिंग किट भेज रहा है। भारत ने
भी चीन से ये किट मंगवाए। लेकिन यहां किट से मिलने वाले नतीजे गलत निकल रहे हैं। दुनिया के कई अन्य
देशों में चीन ने रैपिड टेस्टिंग किट भेजा है लेकिन भारत में जिस तरीके से इस किट के नतीजे गड़बड़ आ रहे हैं
ऐसे में चीन पर यह सवाल उठ रहा है क्या उसने जानबूझकर खराब किट भेजी है?
सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या चीन कोरोना के खिलाफ भारत के मोर्चे को कमजोर करना चाहता है? भारत में
दुनिया के अन्य देशों की तुलना में कोरोना के केस कम हैं। भारत ने दुनिया की अन्य देशों की तुलना में बहुत
पहले लॉकडाउन को लागू कर दिया था। अभी भी 3 मई तक देश में लॉकडाउन लागू हैं। तो ऐसे में सवाल उठ रहा
है कि क्या चीन कोरोना के खिलाफ भारत की लड़ाई को कमजोर करना चाहता है।
अब जब बवाल बढ़ा तो चीन उल्टा चोर कोतवाल को डांटे वाली कहावत को चरितार्थ करते हुए कह रहा है कि हर
देश को सामान आयात करने से पहले कंपनी और उसके प्रोडक्ट्स की क्वॉलिटी के बारे में पड़ताल कर लेना चाहिए।
इस बयान का मतलब तो यह हुआ कि चीन में जितनी भी कंपनियां काम कर रही हैं, उन पर न तो सरकार का
कोई नियंत्रण है और न ही उनके लिए कोई मानक तय किए गए है। निश्चित रूप से चीन ऐसा अपने बचाव में
कह रहा है, मगर इस तरह की बचकानी बातें कर वह खुद को पाक-साफ नहीं बता पाएगा।