क्या वाड्रा और भगोड़े आर्म्स डीलर के बीच वाकई कोई लिंक था?

asiakhabar.com | October 24, 2017 | 4:27 pm IST

जीप घोटाले से लेकर बोफोर्स और 2-जी, 4-जी तक भ्रष्टाचार की परंपरा को ढोती आ रही कांग्रेस पार्टी एक बार फिर ‘जीजा-जी’ के चलते चर्चा में है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के बेटे जयशाह पर अधपके आरोप लगाने के बाद राहुल गांधी अभी-अभी कुछ बोलना सीखे थे कि उनके ‘जीजाजी’ ने ही मुंह पर ताला जड़ दिया। ताला भी ऐसा राजपुतानी कि जो खुले ना टूटे। ताजा खुलासा हुआ है कि सोनिया गांधी जी के जमाता (जंवाई), राहुल गांधी जी के जीजाजी और प्रियंका गांधी जी के भरतार श्रीमान राबर्ट वाड्रा के भगौड़े हथियार व्यवसायी संजय भंडारी के साथ अच्छे खासे लेन देन के रिश्ते थे, ऐसे रिश्ते कि आज पूरी कांग्रेस को लेने के देने पड़ रहे हैं। ठीक ही है कांग्रेस अनंत कलंककथा अनंता।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा और हथियार डीलर संजय भंडारी के बीच लिंक की खबरें तब से चल रही हैं जब यह बात सामने आई थी कि लंदन स्थित वाड्रा के फ्लैट 12, एलर्टन हाउस का भंडारी ने 2016 में नवीनीकरण कराया था। लेकिन वाड्रा, भंडारी के साथ किसी तरह के वित्तीय लेनदेन से इनकार करते रहे हैं और ऐसा कुछ सामने भी नहीं आया जो दोनों के संबंध की पुष्टि करे। लेकिन टाइम्स नाउ को ऐसा दस्तावेज मिला है जिससे दोनों के बीच सीधा संबंध जाहिर होता दिख रहा है। चैनल को प्राप्त हुए एक ईमेल के मुताबिक भंडारी के ट्रैवल एजेंट ने वाड्रा के लिए एयर टिकट खरीदे थे। टाइम्स नाउ को अगस्त 2012 में खरीदे गए दो टिकट की कॉपी मिली है। भंडारी के ट्रैवल एजेंट इंटरनैशनल ट्रैवल होम (पहाडग़ंज स्थित) ने भंडारी के ईमेल आईडी पर मेल किया था। इसमें 8 लाख रुपये की कीमत के एमिरेट्स के 13 अगस्त की फ्लाइट का टिकट भी संलग्न था। यह मेल 7 अगस्त, 2012 को भेजा गया था। दूसरा मेल उसी एजेंट द्वारा 17 अगस्त को शाम 4.58 बजे भेजा गया है जिसमें विशाल बाजपेयी ने वाड्रा के लिए स्वीस फ्लाइट (एलएक्स) 563 की टिकट बुक की थी जो नीस से ज्यूरिख के लिए थी। टिकट से पता चलता है कि बिजनस क्लास की विंडो सीट बुक की गई थी।
अब सवाल यह है कि क्या वाड्रा ने वाकई दौरा किया था और क्या वाड्रा और भगोड़े आर्म्स डीलर के बीच लिंक था? और क्या दोनों के बीच वित्तीय लेनदेन भी होते थे? अगर ऐसा है तब वाड्रा सालों से क्यों इनकार करते आए हैं? आयकर विभाग ने पिछले साल 27 और 30 अप्रैल को भंडारी पर छापा मारा था। भंडारी ने उस वक्त वाड्रा के लिए टिकट बुक कराया था जब स्वीस कंपनी पिलेट्स के लिए जेट ट्रेन डील में उसकी भूमिका को लेकर जांच चल रही थी। इनमें से एक टिकट स्विट्जरलैंड की वाणिज्यिक राजधानी ज्यूरिख के लिए बुक की गई थी। यह बताना जरूरी है कि पिलेट्स डील करने में सफल रहा था, जबकि भारत की सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एचएएल ने एचटीटी-40 को अपने कंटेंडर के रूप में पेश किया था। एचएएल की बोली को तब के रक्षा मंत्री एके एंटनी का समर्थन प्राप्त था।
मोदी सरकार भंडारी के प्रत्यर्पण की कोशिश कर रही है। तीन महीने पहले ईडी ने भंडारी की 20 करोड़ की संपत्ति अटैच की थी जिसमें चार लग्जरी कारें भी हैं। उसके खिलाफ ऑफिशियल सीक्रेट ऐक्ट के उल्लंघन का भी मामला है।
पिछले साल 17 अक्टूबर को आर्म्स डीलर संजय भंडारी के खिलाफ ऑफिशियल सिक्रेट एक्ट के तहत दिल्ली में केस दर्ज हुआ था। दिल्ली पुलिस की जांच के दौरान संजय भंडारी के डिफेंस कॉलोनी के घर से इसी साल अप्रैल में भारतीय वायुसेना के गोपनीय दस्तावेज मिले। संजय भंडारी फर्जी दस्तावेज के जरिए नेपाल के रास्ते होते हुए लंदन भाग गया। संजय भंडारी ने कबूल कर लिया था कि उनके घर पर छापेमारी के दौरान कंप्यूटर से बरामद ईमेल उनके और रॉबर्ट वाड्रा के बीच साझा किए गए थे। इनमें से कुछ ईमेल भंडारी और वाड्रा के असिस्टेंट मनोज अरोड़ा के बीच भी आदान-प्रदान किए गए थे। संजय भंडारी के ग्रेटर कैलाश स्थित घर पर छापे के दौरान बेहद संवेदनशील दस्तावेज बरामद हुए थे। इन दस्तावेजों में सबसे अहम रक्षा मंत्रालय की गोपनीय मीटिंग्स से जुड़े कागजात थे। छापेमारी में टीम को भविष्य के रक्षा सौदों से जुड़े कई महत्वपूर्ण फैसलों के भी दस्तावेज बरामद हुए थे।

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