अंटार्कटिक महाद्वीप को छोड़कर विश्व के सभी महाद्वीपों में कोरोना वायरस फैल चुका है। भारत में दिल्ली से
लेकर केरल तक जिस तरह इस वायरस से संक्रमित लोग पाए गए हैं उससे भारतीयों के माथे पर चिंता की लकीरें
स्वाभाविक है। वैश्विक मंदी की आहट मात्र से भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट देखने को मिली है। इसका
सीधा असर भारतीय अर्थव्यवस्था पर पड़ना शुरू हो गया है। अहम सवाल यह है कि अगर कोरोना वायरस भारत
में महामारी का रूप ले लेता है तो क्या हम और हमारी सरकार इससे निपटने के तैयार है? क्या हमारे देश के
अस्पतालों में कारोना वायरस की जांच और संक्रमित लोगों को भर्ती कर इलाज करने के पर्याप्त संसाधन
उपलब्ध है।
कोरोना वायरस के प्रति जागरूकता को लेकर केंद्र सरकार ने एडवाइजरी जारी की है। लोगों में लगातार जागरूकता
फैलाई जा रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कोरोना के मामलों पर निगरानी के लिए मंत्रियों के समूह
का गठन किया है। विदेशों से भारत आनेवाले लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है। संक्रमण की आशंका पर
अलग रखकर उनके इलाज की व्यवस्था की गई है। सरकार ने कोरोना वायरस से जुड़ी शिकायत और सुझाव के
लिए कॉल सेंटर शुरू किया है जिसका नंबर 01123978046 है। यह कॉल सेंटर 24 घंटे काम करता है। ट्रैवल
एडवाइज़री भी जारी की गई है। देश के 21 हवाई अड्डों और बंदरगाहों पर यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग की जा रही
है। थर्मल स्क्रीनिंग के माध्यम से कोरोना जैसे वायरस के संक्रमण की जांच की जाती है।
ग्लोबइालजेशन का लाभ जहां विश्व के हर देश को मिला और उसके आधार पर देश की आर्थिक और तकनीकी
स्थिति सुदृढ़ हुई, आज उसी ग्लोबलाइजेशन का नुकसान भी विभिन्न देशों को उठाना पड़ रहा है। चीन के
वुहान शहर से फैले कोरोना वायरस का असर भारत सहित विभिन्न देशों में देखने को मिल रहा है। अब भारत में
इसका सबसे प्रतिकूल असर हमारी पर्यटन उद्योग पर पड़ना शुरू हो गया है। पर्यटन स्थलों पर देश-विदेश के
सैलानियों की संख्या तेजी से घटना शुरू हो गई है। जयपुरए जैसलमेर, उदयपुर, जोधपुर, रणथंभौर, पुष्कर,
बीकानेर, उत्तर पूर्व के प्रदेशों, धर्मशाला जैसे पर्यटन स्थलों पर भी वायरस की मार दिख रही है। कोरोना के
संकट के कारण ज्यादातर विदेशी पर्यटक अपनी बुकिंग रद्द करा रहे हैं। धर्मशाला में 2 से 4 अप्रैल तक आयोजित
होने वाली अंतरराष्ट्रीय तिब्बती संगठनों की ग्लोबल समिट को केंद्रीय तिब्बती प्रशासन ने अनिश्चितकाल के लिए
स्थगित कर दिया है।
यही नहीं भारत में डाई कारोबार से जुड़े व्यवसायी परेशान हैं। दिल्ली, गुजरात, महाराष्ट्र और हरियाणा के
अधिसंख्य डाई व्यवसायी कच्चा माल चीन से मंगाते हैं। कच्चे माल की आपूर्ति रुकने से इनपर दुष्प्रभाव पड़ रहा
है। अकेले पानीपत में 600 टन डिस्पर्स डाइज की प्रतिमाह खपत होती है। यहां कारोबारियों के पास कच्चे माल का
स्टॉक लगभग खत्म हो गया है। भारत की स्मार्टफोन इंडस्ट्री भी काफी हद तक चीन पर निर्भर है। इसी तरह
भारत के ऑटोमोबाइल निर्यातक काफी भयभीत हैं। कोरोना की आपदा से जल्द निजात नहीं मिली तो इसका साइड
इफेक्ट भारत के ऑटोमोबाइल निर्यात पर पड़ना तय है। ऑटोमोबाइल कंपोनेंट की आपूर्ति के लिए भारत बहुत कुछ
चीन पर निर्भर है। यह समस्या विश्वव्यापी बन चुकी है। यही कारण है कि विश्व बैंक ने महामारी से निपटने
के लिए संक्रमण प्रभावित देशों को 12 अरब डॉलर की आर्थिक मदद की घोषणा की है। यह धनराशि ऐसे देशों को
दी जाएगी जो गरीब हैं और उनके पास इस संक्रमण से लड़ने के पर्याप्त संसाधन नहीं हैं। ध्यान रहे कि इससे
पहले भी सार्स, इबोला, जीका जैसे वायरस दुनिया की अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान पहुंचा चुके हैं।
सवाल यह है कि अगर कोरोना वायरस भारत में महामारी का रूप ले ले तो क्या हम उससे निपटने में सक्षम हैं?
यह बात सच है कि अगर हम देश की राजधानी दिल्ली और कुछ चुनिंदा महानगरों को छोड़ दें तो हमारे यहां
सरकारी अस्पतालों की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। चीन जैसा विकसित देश कोरोना महामारी फैलने के बाद
लाचार हो गया। हालांकि जिस तरीके से भारत में सरकार और गैर सरकारी संगठनों ने इस संक्रमण को लेकर
जागरूकता दिखाई है, उससे लगता है कि हम कोरोना वायरस के हमले से निपटने के लिए तैयार हो रहे हैं।
हालांकि स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि भारत के लोगों में व्यक्तिगत साफ-सफाई की आदतें बेहतर हैं।
हाथ धोना या नहाने-धोने की आदतें कोरोना संक्रमण से बचाने में काफी मददगार हो सकती हैं।
निसंदेह कोरोना वायरस अत्यंत खतरनाक है। चिंताजनक यह है कि अबतक इसकी कोई वैक्सिन विकसित नहीं
हो पाई है। इसलिए सरकार और समाज के लोगों को ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। इससे घबराने या इससे
जुड़ी अफवाहों पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है। हां इस संबंध में सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन्स का पालन
अवश्य करें। इससे देश का आर्थिक तौर पर कुछ नुकसान अवश्य हो सकता है लेकिन अगर देश का हर नागरिक
सजग हो तो जिस तरीके से हम हर हमले को नाकाम कर देते हैं, कोरोना के हमले को भी परास्त कर देंगे।