केवल कमलनाथ की नहीं दिग्विजय सिंह की भी साख लगी है दाव पर

asiakhabar.com | March 19, 2020 | 3:42 pm IST
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विनय गुप्ता

मध्य प्रदेश में कांग्रेस के विधायकों की बगावत के कारण एक तरफ मुख्य मंत्री कमलनाथ परेशान है तो दूसरी
तरफ राज्यसभा प्रत्याक्षी दिग्विजय सिंह अपने राज्य सभा के चुनाव को लेकर परेशां है। राज्य सभा का चुनाव 26
मार्च को है। यदि कांग्रेस के विधायकों की कमी होती है तो उनकी उम्मीदवारी पर आंच आ सकती है। कांग्रेस के 6
विधायकों के त्यागपत्र तो मंजूर हो चुके है बाकि 16 विधायक बेंगलुरू में है। इस कारण वो केवल मुख्य मंत्री
कमलनाथ के लिए ही नहीं अपने लिए भी दिग्विजय सिंह बेंगलुरु पहुँच गए। वे भी बेंगलुरू उसी अंदाज में पहुंचे
जैसे डीके शिवकुमार कर्नाटक में कुमारस्वामी सरकार पर आये संकट के वक्त मुंबई पहुंचे थे, और भाजपा सरकार
की पुलिस ने दिग्विजय सिंह के साथ भी वही सलूक किया जैसा डीके शिवकुमार के साथ मुंबई में हुआ था। जेल से
छूटने और ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़ कर भाजपा ज्वाइन कर लेने के बाद कर्नाटक कांग्रेस के ताजा
ताजा अध्यक्ष बने डीके शिवकुमार भी दिग्विजय सिंह के साथ वैसे ही जमे रहे जैसे तब उनके साथ मिलिंद देवड़ा
और कुछ साथी नेता मौजूदगी दर्ज कराते देखने को मिले थे।
दिग्विजय सिंह को भी डीके शिवकुमार की तरह ही पुलिस ने हिरासत में ले लिया था, लेकिन कांग्रेस के बागी
विधायकों को दिग्विजय सिंह से कोई भी सहानुभूति नजर नहीं आयी। उलटे वे तो वीडियो मैसेज जारी कर
दिग्विजय सिंह को ही कठघरे में खड़ा करने लगे। इस बीच भोपाल में मौजूद कांग्रेस विधायकों ने राज्यपाल लालजी
टंडन से मुलाकात कर 16 विधायकों को मुक्त कराने की मांग की। कांग्रेस विधायकों का आरोप है कि भाजपा ने
उनके 16 साथियों को बंधक बना रखा है। दिग्विजय सिंह ने दलील दी कि वो राज्य सभा प्रत्याशी हैं और अपने
मतदाताओं से मिलना चाहते हैं। दिग्विजय की ये दलील तो दमदार रही, लेकिन कांग्रेस विधायकों ने ही उसे बेदम
कर दिया।
कर्नाटक की धरती पर कदम रखते ही दिग्विजय सिंह बोले, 'पुलिस हमें विधायकों से मिलने नहीं दे रही है…मैं
मध्य प्रदेश का राज्य सभा उम्मीदवार हूं… हमारे विधायकों को होटल में बंधक बनाकर रखा गया है… वे हमसे बात
करना चाहते हैं, लेकिन उनके मोबाइल छीन लिए गये हैं।' खुद को गांधीवादी बताते हुए दिग्विजय सिंह ने बताया
कि वो विधायकों से मिल कर लौट जाएंगे, 'कुछ गुंडे अंदर हैं। विधायकों की जान को खतरा है… मेरे पास हाथ में
न बम है, न पिस्तौल और न ही कोई हथियार है. फिर भी पुलिस मुझे क्यों रोक रही है? मुख्यमंत्री कमलनाथ ने
भी दिग्विजय सिंह की तरफ से सवाल किया कि विधायकों से मिलने पर वो सुरक्षा के लिए खतरा कैसे हो सकते
हैं? कमलनाथ ने पूछा कि क्या कर्नाटक पुलिस की मौजूदगी में भी वो सुरक्षा के लिए खतरा हैं? दिग्विजय सिंह
की बात को आगे बढ़ाते हुए कमलनाथ ने भी उनके राज्य सभा उम्मीदवार होने की दुहाई दी। बेंगलुरू में कांग्रेस के
बागी विधायकों से संपर्क की दिग्विजय सिंह की कोशिश पर भाजपा की तरफ से सवाल उठाया गया कि त्यागपत्र दे
चुके विधायकों के वोट की जरूरत ही क्या जरूरत है?
दिग्विजय सिंह ने भाजपा पर विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगाया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ
साथ गृह मंत्री अमित शाह को भी निशाना बनाया। दिग्विजय सिंह अब कर्नाटक में बागी विधायकों से मुलाकात की
इजाजत मांगने के लिए कर्नाटक उच्च न्यायलय का दरवाजा खटखटाया था लेकिन उनकी याचिका खारिज हो गयी.

अब अगली सुनवाई 26 मार्च को होगी। वाह क्या तारीख मिली है – वही जो स्पीकर ने विधानसभा सत्र के लिए
तय की है। दिग्विजय सिंह ने कहा कि वो उच्चतम न्यायलय और कर्नाटक उच्च न्यायलय के फैसले का इंतजार
करेंगे और फिर से एक बार धरने पर बैठने को लेकर सोचेंगे. फिलहाल उन्होंने भूख हड़ताल पर रहने का फैसला
किया है। अभी दिग्विजय सिंह और कमलनाथ अपनी तरफ से विधायकों पर दावेदारी जता ही रहे थे कि बागियों के
बयान मीडिया के जरिये सामने आने लगे। ज्योतिरादित्य सिंधिया की करीबी विधायक इमरती देवी ने कह दिया कि
वो दिग्विजय सिंह की वजह से ही भागी हैं . और उस कांग्रेस में तो रहना ही नहीं जिसमें दिग्विजय सिंह हैं।
इमरती देवी की ही तरह तुलसी सिलावट ने बोल दिया को वो अपनी मर्जी से बेंगलुरू में हैं, और पुलिस से अनुरोध
कर डाला कि वो दिग्विजय सिंह से नहीं मिलना चाहते इसलिए सुरक्षा दी जाये। जो कुछ होगा 26 के बाद ही होगा
तब तक केवल कमलनाथ की नहीं दिग्विजय सिंह की भी साख लगी है दाव पर लगी है।


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