कुत्सित इरादा

asiakhabar.com | February 7, 2018 | 1:33 pm IST
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किस्तान ने अब भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव के खिलाफ नये सिरे से आतंकवाद और तोड़फोड़ की गतिविधियों में शामिल होने का आरोप मढ़ दिया है। ये दोनों आरोप ऐसे हैं, जिनके जरिए पाकिस्तान अपने इस दावे को और भी पुख्ता करना चाहता है कि ब्लूचिस्तान के विद्रोह और उसके यहां हिंसक गतिविधियों में जाधव का सीधे तौर पर हाथ था। सच कहा जाए तो ये दोनों आरोप सिरे से फर्जी और मनगढ़ंत हैं, लेकिन इनसे बरी होने में जाधव को खासी मुश्किलें भी आ सकती हैं। गौरतलब है कि जाधव को तीन मार्च, 2016 में ईरान के चाबहार से अगवा कर लिया गया था, लेकिन पाकिस्तान ने दावा किया था कि वह ईरान से होकर ब्लूचिस्तान में घुसे थे, तब उसके सुरक्षा बलों ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। तब जाधव पर पर जासूसी करने का आरोप लगाया गया था। पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने जाधव को पिछले साल इस आरोप में मौत की सजा सुनाई थी। भारत ने इस फैसले के खिलाफ पिछली मई में अंतरराष्ट्रीय अदालत में अपील की थी। अदालत ने जाधव की मौत की सजा पर रोक लगा दी है। हालांकि अंतिम फैसला अभी आया नहीं है। अंतरराष्ट्रीय अदालत में पाकिस्तान की एक भी दलील नहीं सुनी गई। और इस मामले में उसे शर्मिदगी झेलनी पड़ी। दरअसल, अदालत में जाधव के खिलाफ लगाए गए आरोपों की कलई खुल गई थी। इसी वजह से पाकिस्तान जाधव के खिलाफ आतंकवाद और तोड़फोड़ के नये आरोप लगाकर अपने मुकदमे को मजबूत कर लेना चाहता है। कहना न होगा कि कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान को सभी अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पराजय का सामना करना पड़ता है। बावजूद इसके वह इस मुद्दे को हमेशा हवा देता रहता है। भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान पर की गई सर्जिकल स्ट्राइक के बाद तो वह सीमा पर गोलीबारी करके युद्ध के हालात पैदा करने का भरसक प्रयास करता रहा है। अभी पिछले रविवार को ही नियंतण्ररेखा पर पाकिस्तान की भारी गोलीबारी से हमारी सेना के एक अधिकारी समेत चार जवान शहीद हो गए। गौर करने वाली बात यह भी है कि पाकिस्तान की यह कार्रवाई ऐसे समय हो रही है, जब अमेरिका से उसे मिलने वाली सभी मदद रुक गई हैं। दरअसल, वह यह भी दिखाना चाहता है कि अमेरिका की मदद के बगैर भी वह भारत से लोहा ले सकता है। जाधव को भी वह कश्मीर के मुद्दे की तरह एक मुद्दा बनाकर भारत की पेशबंदी करना चाहता है। यह भारतीय कूटनीति की भी अग्नि परीक्षा है कि वह अंतरराष्ट्रीय न्यायालय की अगली सुनवाई में कुलभूषण जाधव के मामले को कितनी मजबूती से रख पाता है।


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