कर्नाटक में हैं 600 से ज्यादा मठ, हर पार्टी चाहती है इनका समर्थन

asiakhabar.com | May 8, 2018 | 4:35 pm IST
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कर्नाटक के 30 जिलों में 600 से अधिक मठ हैं, जिनमें लिंगायत समुदाय से जुड़े करीब 400 छोटे बड़े मठ हैं, जबकि वोकालिगा समुदाय से जुड़े करीब 150 मठ हैं। इसके अलावा, कुरबा समुदाय से भी 80 से अधिक मठ जुड़े हुए हैं। इस बात में कोई दो राय नहीं कि कर्नाटक में मठ सिर्फ आध्यात्मिक व सांस्कृतिक गतिविधियों के केंद्र ही नहीं हैं बल्कि प्रदेश के सामाजिक जीवन में भी इनका अच्छा खासा प्रभाव माना जाता है। ऐसा इसलिए कि शिक्षा, स्वास्थ्य आदि क्षेत्र में नि:स्वार्थ सेवा और कमजोर वर्ग के लोगों के सामाजिक तथा आर्थिक सशक्तिकरण करने के चलते लोग इन मठों को श्रद्धा के भाव से देखते हैं। यही वजह है कि एक तरफ कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया यह दावा कर रहे हैं कि राज्य में जितने भी मठ हैं उन सबका समर्थन कांग्रेस को प्राप्त है। वहीं, दूसरी ओर राज्य में ‘नाथ संप्रदाय’ को साधने के लिए भाजपा ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को धुंआधार चुनाव प्रचार में उतारा है।

जहां तक वोकालिगा समुदाय की बात है तो इसके बड़े नेता पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा माने जाते हैं और उनकी पार्टी जनता दल (सेकुलर) का चुनचुनगिरी मठ पर अच्छा खासा प्रभाव माना जाता है। यही वजह है कि जेडीएस के साथ सॉफ्ट कॉर्नर रखने वाले भाजपा अध्यक्ष अमित शाह भी इस बार वोकालिगा समुदाय में पैठ बनाने की अथक कोशिश कर रहे हैं। बता दें कि श्री शाह के दौरे के बाद अनंत कुमार, सदानंद गौड़ा जैसे केंद्रीय मंत्री ने भी चुनचुनगिरी मठ का दौरा किया है। गौरतलब है कि जनसंख्या के लिहाज से कर्नाटक के दूसरे प्रभावी समुदाय वोकालिगा की आबादी 12 फीसदी है और वोकालिगा समुदाय के 150 मठ हैं, जिनमें ज्यादातर दक्षिण कर्नाटक में हैं।
तीसरा प्रमुख मठ कुरबा समुदाय से जुड़ा हुआ है, जिसके 80 से अधिक मठ हैं। इसका मुख्य मठ दावणगेरे में श्रीगैरे मठ है। सूबे के मौजूदा मुख्यमंत्री सिद्धरमैया भी इसी समुदाय से आते हैं। राज्य में कुरबा आबादी 8 फीसदी है।
लिंगायत समुदाय पर कांग्रेस के राजनीतिक कार्ड की काट के रूप में सिद्धारमैया के वोट बैंक कहे जाने वाले अहिंदा (अल्पसंख्यक, पिछड़ा वर्ग, दलित का कन्नड़ संक्षिप्त नाम) को तोड़ने की कवायद के तहत अमित शाह ने हाल ही में चित्रदुर्ग में प्रभावशाली दलित मठ शरना मधरा गुरु पीठ के महंत मधरा चेन्नैया स्‍वामीजी से मुलाकात की थी। अमित शाह इस क्षेत्र में लिंगायत समुदाय के प्रमुख धार्मिक स्थल सुत्तूर मठ का भी दौरा कर रहे हैं। हाल ही में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी इस क्षेत्र का दौरा किया था। मुख्यमंत्री सिद्धरमैया भी मैसूरू में चुनाव प्रचार किया है जहां वे कुछ मठों में आशीर्वाद लेने भी गए।
बता दें कि कर्नाटक की जनसंख्या के 24 फीसदी मतदाता लिंगायत, 16 फीसदी गौड़ा, 10 फीसदी दलित, 20 फीसदी अन्य पिछड़ा वर्ग व 15 फीसदी मुसलमान हैं, जबकि अन्य में बाकी जातियां हैं। अब तक का इतिहास बताता है कि इस राज्य में ज्यादातर लोग व्यक्तिगत विधायक की जगह मुख्यमंत्री को ही वोट देते आये हैं। यही वजह है कि यहां रहने वाले अब तक के कुल 16 मुख्यमंत्रियों में से 6 लिंगायत, 5 गौड़ा, 3 पिछड़े वर्ग और 2 ब्राह्मण समुदाय के रहे हैं।

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