विजय कनौजिया
आज रंगों का उत्सव
मनाएंगे हम
मिलकर अपनों के संग
खिलखिलाएंगे हम..।।
भूल शिकवे गिले
फिर मिलेंगे गले
फिर से संबंध मिलकर
निभाएंगे हम..।।
आज यादों को फिर
ताज़ा हो जाने दो
फिर से रंगों की खुशियां
मनाएंगे हम..।।
भाईचारे की बुनियाद
मजबूत हो
ऐसी होली चलो फिर
मनाएंगे हम..।।
सबकी पिचकारी में
रंग खुशियों का हो
सबके चेहरे पर मुस्कान
लाएंगे हम..।।
सबके चेहरे पर मुस्कान
लाएंगे हम..।।