नरेंद्र मोदी सरकार को सत्ता में आये लगभग 4 साल पूरे हो चुके हैं। इस काल में एनडीए सरकार ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व मेंकई योजनाओं की शुरुआत की है, जिनका लाभ सीधा भारत की जनता को मिल रहा है। इस सरकार ने भारत के हर तबके के विकास के लिए हर संभव कोशिश की है। जिससे वो अपनी बुनियादी जरुरतों को पूरा कर सके चाहे वो महिलाओं के विकास की बात हो या अल्पसंख्यकों के विकास की, मोदी सरकार ने अपनी योजनाओं से सबको आर्थिक मदद पहुंचाई है। आइये जानते हैं केंद्र सरकार की वो बड़ी योजनाएं जिनका सीधा लाभ जनता उठा रही है…
1 प्रधानमंत्री जन धन योजना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 अगस्त 2014 को प्रधानमंत्री जन धन योजना की शुरुआत की। इस योजना की घोषणा नरेंद्र मोदी ने 15अगस्त 2014 स्वतंत्रता दिवस के दिन अपने लालकिले के भाषण के दौरान की। ये एक वित्तीय समावेशन कार्यक्रम है। इस कार्यक्रम के शुरू होने के पहले दिन ही डेढ़ करोड़ बैंक खाते खोले गए थे और हर खाता धारक को 1,00,000 रुपये का दुर्घटना बीमा कवर दिया गया।
2 स्वच्छ भारत अभियान
ये अभियान प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में महात्मा गांधी की जयंती के दिन 2 अक्टूबर 2014 को शुरू हुआ। स्वच्छ भारत अभियान आज स्वतंत्र भारत का बहुत ही महत्वपूर्ण जन आंदोलन बन चुका है। देश को स्वच्छ करने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद झाडू लगा कर पहल की। इसके तहत 2019 तक भारत को स्वच्छ बनाने का लक्ष्य किया गया है और सरकार ग्रामीण और दूरस्थ इलाकों तक शौचालय और साफ-सफाई की सुविधाएं पहुंचाने का काम कर रही है।
3 प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना
ये योजना महिला सशक्तिकरण की दिशा में लोकप्रिय साबित हो रही है। इसके तहत गरीब परिवार की महिलाओं को केंद्र सरकार की ओर से निशुल्क एलपीजी कनेक्शन दिए जाने की व्यवस्था है। इसकी शुरुआत प्रधानमंत्री ने 1 मई 2016 को यूपी के बलिया से की। उज्ज्वला योजना के तहत 5 करोड़ BPL परिवार की महिलाओं को मुफ्त रसोई गैस कनेक्शन दिया गया।
4 प्रधानमंत्री आवास योजना
शहर में अपना घर खरीदना हर इंसान का ख्वाब होता है ऐसे में नौकरी करने वाले के लिए घर खरीदना इतना आसान नहीं होता। और गरीब परिवार के लिए अपना घर सपना ही बनकर रह जाता है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत प्रधानमंत्री मोदी ने साल 2022 तक सबको घर देने का वादा किया है। ये योजना मिशन मोड में जारी है। सरकार लोगों को सस्ते घर बनवाकर आवंटित कर रही है और घर खरीदने के लिए सरकारी बैंक बहुत ही मामूली ब्याज दर पर लोन भी दे रहे हैं।
5 स्टार्ट अप इंडिया
स्टार्टअप इंडिया ने भारत में युवाओं को स्वरोजगार के अवसर प्रदान किये हैं। प्रधानमंत्री मोदी के प्रयास से भारत स्टार्टअप के मामले में अमेरिका और ब्रिटेन के बाद दुनिया में तीसरे नंबर पर पहुंच गया है। स्टार्टअप पर नई नीति लागू होने के बाद हजारों करोड़ रूपये का निवेश हुआ है। बड़ी बात ये है कि इसमें महिलाओं की भी जबर्दस्त भागीदारी है।
6 प्रधानमंत्री ग्राम सिंचाई योजना
खुद को किसानों का हितैषी बताने वाली मोदी सरकार ने प्रधानमंत्री ग्राम सिंचाई योजना के तहत देश की सभी कृषि योग्य भूमि को सिंचित करने का लक्ष्य रखा है। इस योजना की सफलता का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि पहले किसान अपनी फसलों का जितना बीमा करवाते थे उसकी संख्या अब तक 7 गुना बढ़ चुकी है। यही वजह है कि साल 2016-18 में इसके प्रीमियम पर 13,240 करोड़ रुपये खर्च हुए।
7 सुकन्या समृद्धि योजना
पैसे के कारण जो परिवार अपने बच्चों को पढ़ा नहीं सकते थे खास तौर पर लड़कियों को, उनकी चिंता को दूर करने के लिए मोदी सरकार सुकन्या समृद्धि योजना लेकर आई। देश की बेटियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए और उनकी और तरक्की के लिए बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ कैंपेन के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनवरी 2015 में सुकन्या समृद्धि योजना शुरू की थी।
8 बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 जनवरी 2015 को हरियाणा के पानीपत से बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना की शुरुआत की थी। 100 करोड़ रुपये की शुरुआती राशि के साथ यह योजना देशभर के 100 जिलों में शुरू की गई थी। हरियाणा में जहां बाल लिंगानुपात बेहद कम है और जहां से कन्या भ्रूणहत्या के सबसे ज्यादा मामले सामने आते थे इस लिए वहीं से इस योजना की नींव रखी गई। इसका लक्ष्य लड़कियों को पढ़ाई के जरिए सामाजिक और वित्तीय तौर पर आत्मनिर्भर बनाना है।
9 जीएसटी
जीएसटी के जरिए केंद्र स्तर के आठ टैक्स तथा राज्य स्तर पर लागू होने वाले 9 तरह के टैक्स को समाप्त किया गया। बहरहाल, ऐसी व्यवस्था के दायरे से पेट्रोलियम उत्पाद तथा शराब को बाहर रखा गया है। दुनिया के 140 देशों में प्रचलित अप्रत्यक्ष करों की तर्ज पर मोदी सरकार ने भारत में सबसे बड़े नीतिगत सुधार का काम पूरा कर दिखाया है।
10 आधार
मोदी सरकार ने अपने शासन के 23वें महीने में 26 मार्च 2016 को आधार को मजबूत बनाने के प्रयास किए और उसे संस्थागत रूप दिया।लोगों के सामाजिक कल्याण को ध्यान में रखते हुए बात उनके बीच पेंशन बांटने की हो या फिर मजदूरी का भुगतान करने की, बहुत जरूरी है कि जो राशि जिसके हिस्से और अधिकार की है वह उसी को मिले।