शिशिर गुप्ता
अमेरिका के बाउल्डर में एक संदिग्ध आरोपी ने सुपर मार्केट में अचानक गोलियां चला कर एक पुलिस अधिकारी
सहित दस लोगों को मार डाला, उससे लोगों में पनपती हिंसक मानसिकता को लेकर एक बार फिर चिंता जताई
जाने लगी है। जिस व्यक्ति ने गोलीबारी की उसे पकड़ लिया गया है। अभी तक उसके गोली चलाने की वजह पता
नहीं चल पाई है। अमेरिका में इस तरह किसी सनक या खुंदक की वजह से बेवजह किसी पर गोली चला देने की
घटनाएं लगातार बढ़ी हैं। इसकी एक वजह तो यह है कि वहां हथियार रखने की खुली छूट है। कई बार इस छूट को
समाप्त करने की सिफारिश की जा चुकी है। पर इस दिशा में कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया जा सका है।
इसके अलावा, एक वजह यह भी है कि वहां के युवाओं में रोजगार आदि की समस्या के चलते तनाव और अवसाद
का स्तर बढ़ रहा है। इससे भी कई युवाओं में हिंसक और आपराधिक मानसिकता तेजी से विकसित हो रही है।
विचित्र है कि जो देश दुनिया भर में अपनी संपन्नता और सुरक्षा के मामले में सख्ती के लिए जाना जाता है, वहां
के नागरिक खुद उसकी सुरक्षा के लिए खतरा साबित हो रहे हैं।अब दुनिया भर में गंभीरतापूर्वक इस बात पर विचार
किया जाने लगा है कि किसी देश की खुशहाली का पैमाना सिर्फ आर्थिक संपन्नता है या फिर मानवीय मूल्यों के
लिहाज से भी विकास की परख होनी चाहिए। अमेरिका, ब्रिटेन आदि देशों ने आर्थिक स्तर पर संपन्नता तो हासिल
कर ली है, सुरक्षा के नाम पर इन देशों में लोगों को हथियार रखने की छूट भी दे दी। अब इसका नतीजा यह देखा
जाने लगा है कि वे किसी कुंठा के चलते दूसरों की जान तक ले लेने से नहीं हिचकते। उनके भीतर हिंसा मनोरंजन
की जगह लेती गई है। इसी का नतीजा है कि छोटे-छोटे स्कूली बच्चे भी अपने किसी सहपाठी से रंजिश के चलते
उस पर गोली चलाते देखे गए हैं। बहुत सारे अमेरिकी युवा सरकारी सुविधाएं कम होने और किसी काम-धंधे की
योग्यता न रखने की वजह से भी कुुंठित हो रहे हैं। कई युवाओं को लगता है कि दूसरे देशों से आकर लोग उनका
अधिकार छीन रहे हैं। यही वजह है कि डोनाल्ड ट्रंप ने युवाओं को उनके अधिकार दिलाने का वादा करके आकर्षित
किया था। मगर वे भी कुछ नहीं कर पाए। अब ताजा घटना ने बाइडेन के सामने चुनौती पेश कर दी है। अमेरिका
में रिपब्लिकन पार्टी ने हमेशा ही गन लॉबी का बचाव किया है। इस पार्टी की दलील है कि हथियार रखकर लोग
खुद को ज्यादा सुरक्षित महसूस करते हैं। मगर इससे दूसरे लोगों के लिए जो असुरक्षा पैदा होती है, रिपब्लिकन
पार्टी और उसके समर्थक इस पहलू की अनदेखी किए रहते हैं। इस समय जबकि बढ़ते वर्ग- विभाजन और नस्लीय
ध्रुवीकरण के कारण अमेरिका में सामाजिक तनाव का माहौल है, निर्दोष लोगों पर गोलीबारी की घटनाएं बढ़ती जा
रही हैं। साफ है, अमेरिका लगातार आंतरिक अथवा बाहरी स्रोतों से संचालित हिंसा का निशाना बन रहा है। इससे
दुनिया की सबसे बड़ी महाशक्ति की कमजोरियां उभरकर सबके सामने आ रही हैं। चिंता की बात यह है कि हमारे
देश के युवा बहुत सारी मामलों में अमेरिका जैसे देशों की नकल करते हैं। हिंसक मानसिकता हमारे किशोरों और
युवाओं में भी उभरती नजर आती है। इसलिए अमेरिका में होने वाली ऐसी घटनाओं को हमें भी गंभीरता से लेने की
जरूरत है।