शिशिर गुप्ता
नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुरूवार को कहा कि 41 राष्ट्रीय खेल महासंघों को
मान्यता देने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर उसकी विशेष पीठ सुनवाई करेगी। वकील राहुल मेहरा की इस
याचिका पर दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायाधीश प्रतीक जालान की पीठ
सुनवाई करेगी। बुधवार को दायर जनहित याचिका में दावा किया गया कि भारतीय ओलंपिक संघ समेत राष्ट्रीय
खेल महासंघों में कुप्रशासन को लेकर केंद्र का रवैया ‘उदासीन’ रहा है। इसमें 41 खेल संघों को मान्यता देने के
फैसले को भी चुनौती दी गई है। मेहरा ने अदालत को बताया कि न्यायाधीश हिमा कोहली और नजमी वजीरी की
एक विशेष पीठ 2010 में उनके द्वारा दाखिल संबंधित याचिका पर सुनवाई कर रही है। मेहरा ने कहा कि 41
राष्ट्रीय खेल महासंघों को मान्यता देने का फैसला राष्ट्रीय खेल विकास संहिता 2011 (खेल कोड) के खिलाफ है।
इसमें यह भी कहा गया कि खेल कोड का उल्लंघन करने वाले एनएसएफ के खिलाफ खेल मंत्रालय कार्रवाई करने
में नाकाम रहा है। एडवोकेट चैतन्य गुसाइ के जरिये दाखिल दलील में कहा गया कि उच्चतम न्यायालय के यह
स्पष्ट करने के बाद कि कोई फैसला लेने से पहले उसे उच्च न्यायालय की अनुमति लेने की जरूरत नहीं है,
मंत्रालय ने 41 एनएसएफ को मान्यता दे दी। याचिका में इन महासंघों की मान्यता निरस्त करने और खेल कोड
का कड़ाई से पालन सुनिश्चित कराने की मांग की गई है। इसमें यह भी कहा गया कि मंत्रालय को निर्देश दिये
जायें कि खेल कोड के तमाम मानदंडों पर खरे उतरने पर ही महासंघों को मान्यता दी जाये।