नई दिल्ली। नागरिकता (संशोधन) कानून (सीएए) के विरोध में प्रदर्शन के दौरान दिल्ली गेट
इलाके में हुई हिंसा के बाद हिरासत में लिए गए लोगों की रिहाई के लिए विभिन्न संगठनों और विश्वविद्यालयों के
छात्र पुलिस मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं। कड़ाके की सर्दी के बावजूद प्रदर्शन में जवाहरलाल नेहरू
विश्विद्यालय, दिल्ली विश्वविद्यालय और जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्रों, नागरिक समाज और पुरानी
दिल्ली इलाके के सैकड़ों लोग पुलिस मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं। जामिया हिंसा में आरोपी बनाए गए पूर्व
विधायक आसिफ मोहम्मद खान भी प्रदर्शनकारियों को समर्थन देने यहां पहुंचे हैं। इस दौरान एक अधेड़ उम्र के
व्यक्ति अर्धनग्न होकर प्रदर्शन कर रहा है। प्रदर्शनकारी दिल्ली पुलिस मुर्दाबाद और फासीवाद हो बर्बाद जैसे नारे
लगा रहे हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि पुलिस ने दिल्ली गेट इलाके से लगभग 200 लोगों को हिरासत में
लिया है। सीएए के खिलाफ प्रदर्शन के दौैरान दिल्ली गेट इलाके में हुई हिंसा के दौरान 42 लोगों के घायल होने की
सूचना है, जिसमें जिसमें करीब 20 पुलिस कर्मी शामिल हैं। इस घटना में पुलिस के कुछ अधिकारी भी घायल हुए
हैं। पुलिस ने फिलहाल हिरासत में लिए गए लोगों से मिलने के लिए वकील को इजाजत दी है। पुलिस फिलहाल
हिरासत में लिए गए लोगों की संख्या के बारे में खामोश है। एक अधिकारी ने कहा कि बड़ी संख्या में लोग हिरासत
में लिये गये हैं। पुलिस ने संवेदनशील इलाकों में गश्त बढा दी है। उल्लेखनीय है कि इससे पहले रविवार को
जामिया में हिंसा के बाद हिरासत में लिये गये छात्रों की रिहाई की मांग को लेकर भी बड़ी संख्या में जेएनयू छात्रों
ने पुलिस मुख्यालय पर प्रदर्शन किया था। स्वराज पार्टी के नेता योगेन्द्र यादव ने दरियागंज की हिंसा को विचलित
करने वाला बताया। उन्होंने कहा कि हिंसा में घायल लोगों का इलाज कराना सबकी पहली प्राथमिकता होनी चाहिए।
घायलों से उनके परिजनों को मिलने देना चाहिए। उन्होंने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्ष वर्धन तथा मुख्यमंत्री अरविंद
केजरीवाल से तत्काल मदद की अपील की है।