संजय चौधरी
नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए मतदान में अब मात्र तीन दिन बचे हैं।
इक्कीस वर्ष से सत्ता से बाहर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस से
मुकाबला है। भाजपा को इस बार तेज तर्रार नेता और पूर्व मुख्यमंत्री सुषमा स्वराज की कमी खल रही है, किंतु
पार्टी ही नहीं उनके पति भी उनका संदेश लोगों तक पहुंचाकर माहौल बनाने में जुटे हुए हैं। भाजपा की दिवंगत नेता
के प्रति और मिजोरम के पूर्व राज्यपाल स्वराज कौशल ने दिल्ली चुनाव के सिलसिले में कई ट्वीट किए हैं जिसमें
उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री के एक संदेश का भी हवाला दिया है। इस संदेश में सुषमा स्वराज का वह बयान जिसमें वह
कहती थीं कि एकजुट भाजपा को दिल्ली में कोई नहीं हरा सकता है। दिल्ली में विधानसभा बनने के बाद 1993 में
हुए पहले चुनाव में भाजपा ने दिवंगत मदन लाल खुराना की अगुवाई में सरकार बनाई थी। हवाला कांड में नाम
आने के बाद श्री खुराना ने मुख्यमंत्री पद छोड़ दिया था। इसके बाद साहिब सिंह वर्मा को मुख्यमंत्री बनाया गया
था। श्री वर्मा को विधानसभा चुनाव से कुछ माह पहले हटाकर सुश्री स्वराज को मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी सौंपी गई
थी किंतु प्याज की आसमान छूती कीमतों की वजह से भाजपा हार गई थी और तब से वह सत्ता से बाहर है। देश
के पहले महाधिवक्ता श्री स्वराज ने मंगलवार को कई ट्वीट किए। उन्होंने लिखा, “दिल्ली विधानसभा के लिए आठ
फरवरी को मतदान होना है। सुषमा स्वराज कहती थीं दिल्ली में एकजुट भाजपा को कोई परास्त नहीं कर सकता
है। वर्तमान में वही स्थिति है, भाजपा के हजारों कार्यकर्ता आज सड़कों पर हैं। पार्टी के पास आज मौका है ऐसे ही
आगे बढ़ते रहे।” उन्होंने एक अन्य ट्वीट में लिखा, “याद रखिये मैराथन दौड़ में आखिरी दौर में विजयश्री मिलती
है। विज्ञापन और होर्डिंगस से चुनाव नहीं जीते जाते हैं, चुनाव जीतने के लिए एक संगठन की जरुरत होती है और
धरातल पर भाजपा के संगठन का कोई सानी नहीं है।” इस बार विधानसभा चुनाव में भाजपा 21 वर्ष से सत्ता के
सुख से दूर वापसी के लिए भरसक प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो रैलियां की हैं। केंद्रीय गृहमंत्री
अमित शाह पिछले करीब पंद्रह दिन से मोर्चा संभाले हुए हैं। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्ढा के अलावा
बड़ी संख्या में केंद्रीय मंत्री, भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और सांसद जुटे हुए हैं।