नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को समाजवादी पार्टी सांसद आजम खान को
अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति एल. नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली पीठ ने उत्तर प्रदेश
सरकार के पूर्व मंत्री आजम खान की चुनाव प्रचार में शामिल होने के लिए अंतरिम जमानत देने की गुहार वाली
याचिका खारिज कर दी। पीठ ने याचिकाकर्ता का पक्ष रख रहे वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल से कहा कि वह
(आजम खान) जमानत के लिए उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर शीघ्र सुनवाई की गुजारिश कर सकते हैं।
श्री खान ने अपनी याचिका में राज्य की भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार पर आरोप लगाया था कि वह
उनसे संबंधित अदालती मामल़ों की प्रक्रिया आगे बढ़ाने में जानबूझकर देरी कर रही है। इसी वजह से उन्हे अंतरिम
जमानत के लिए शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ा।
श्री खान ने आरोप लगाया कि राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार का मुकदमों की कानूनी प्रक्रिया को आगे नहीं
बढ़ाने के पीछे का मकसद उन्हें आगामी विधानसभा चुनावों में भाग लेने से रोकना है।
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता खान ने जनवरी में अंतरिम जमानत के लिए याचिका दायर की थी। उन पर राज्य
में कई आपराधिक मुकदमें दर्ज हैं तथा वह न्यायिक हिरासत में जेल में बंद हैं।
गौरतलब है कि उनके बेटे अब्दुल्लाह खान भी कई मुकदमों में करीब दो साल तक न्यायिक हिरासत में जेल में
रहें। पिछले दिनों उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया। रिहाई के बाद अपने गृह जिला रामपुर पहुंचने पर
अब्दुल्ला ने मीडिया को दिए बयान में अपने पिता की जान को खतरा होने का सनसनीखेज आरोप लगाया था।