नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के नेता और सांसद विनय सहस्त्रबुद्धे ने देश में आपातकाल के दौरान आंतरिक सुरक्षा संरक्षण कानून (मीसा) के तहत जेलों में बंद 2500 लोगों की ‘पेंशन’ को कमलनाथ नीत मध्य प्रदेश सरकार की ओर से स्थगित किये जाने की तीखी आलोचना की है। श्री सहस्त्रबुद्धे ने आज एक ट्वीट किया,“कोई पेंशन नहीं, केवल तनाव! आपातकाल की पिछले दरवाजे से रक्षा।” मध्य प्रदेश में वर्ष 2005 में शिवराज सिंह चौहान नीत भाजपा सरकार ने लोकनायक जयप्रकाश सम्मान निधि के तहत इस पेंशन योजना की शुरुआत की थी। लेकिन कमलनाथ नीत कांग्रेस सरकार के सत्ता में आने के बाद गत 29 दिसंबर को राज्य सरकार ने आदेश जारी कर मीसा के तहत जेलों में बंद लोगों के भौतिक सत्यापन का आदेश जारी करते हुए इस प्रक्रिया के संपन्न होने तक 25 हजार की मासिक पेंशन योजना को स्थगित कर दिया है। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने इससे पूर्व मध्य प्रदेश सरकार के आदेश की आलोचना करते हुए ट्वीट किया,“इंदिरा गांधी के ‘तीसरे बेटे’ ने उन लोगों की पेंशन पर रोक लगा दी जिन्होंने देश के काले दिनों आपातकाल के दौरान लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए संघर्ष किया।”