नई दिल्ली। सरकार ने अगले पांच वर्षों में सीआरपीएफ और बीएसएफ समेत केंद्रीय सशस्त्र
पुलिस बलों (सीएपीएफ) के लिये अत्याधुनिक हथियारों की खरीद और आईटी आधारभूत अवसंरचना में सुधार के
उद्देश्य से 1,523 करोड़ रुपये की धनराशि को मंजूरी दी है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि
सीएपीएफ की आधुनिकीकरण योजना-4 के कार्यान्वयन से बलों को समग्र परिचालन दक्षता और तैयारियों में सुधार
करने में मदद मिलेगी, जो देश में आंतरिक सुरक्षा परिदृश्य को सकारात्मक रूप से प्रभावित करेगा। बयान में कहा
गया है कि गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में गृह मंत्रालय एक फरवरी 2022 से लेकर 31 मार्च 2026 के बीच
सीएपीएफ की आधुनिकीकरण योजना-4 लागू करेगा, जिसके तहत 1,523 करोड़ की धनराशि खर्च की जाएगी।
बयान में कहा गया है कि यह योजना सीएपीएफ को विभिन्न स्थानों पर तैनाती की रूपरेखा को ध्यान में रखते हुए
उनकी परिचालन आवश्यकता के अनुसार आधुनिक अत्याधुनिक हथियारों और उपकरणों से लैस करेगी। साथ ही
इसके जरिये सीएपीएफ की सूचना प्रौद्योगिकी आधारभूत अवसंरचना में भी सुधार किया जाएगा। बयान के अनुसार
इससे अंतरराष्ट्रीय सीमा, एलओसी, एलएसी, वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित क्षेत्रों, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और उग्रवाद
प्रभावित पूर्वोत्तर राज्यों जैसे विभिन्न स्थानों में चुनौतियों का सामना करने की सरकार की क्षमता को बढ़ावा
मिलेगा। केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलो में सीआरपीएफ, बीएसएफ, सीआईएसएफ, आईटीबीपी, एसएसबी, एनएसजी और
असम राइफल्स शामिल हैं। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) को ज्यादातर आंतरिक सुरक्षा दायित्वों और
जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद से लड़ने के लिए तैनात किया जाता है। केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ)
परमाणु परियोजनाओं, हवाई अड्डों और मेट्रो नेटवर्क जैसे महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा करता है। सीमा सुरक्षा
बल (बीएसएफ) पाकिस्तान और बांग्लादेश से लगी भारत की सीमा की रक्षा करता है। इसके अलावा अक्सर
आंतरिक सुरक्षा का कार्यभार भी संभालता है। भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) भारत-चीन सीमा की सुरक्षा
करती है। सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) नेपाल और भूटान से लगी भारत की सीमाओं की रक्षा करता है जबकि
राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) किसी भी आपातकालीन सुरक्षा स्थिति से निपटने के लिए देश का प्रतिष्ठित कमांडो
बल है। असम राइफल्स को भारत-म्यांमा सीमा और पूर्वोत्तर में उग्रवाद रोधी कार्यों के लिए तैनात किया गया है।