नई दिल्ली। सबरीमाला मंदिर में दो महिलाओं के प्रवेश करने के बाद मंदिर को शुद्धिकरण के लिए बंद करने के मंदिर प्रशासन के फैसले के खिलाफ केरल के कुछ वकीलों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने तुरंत सुनवाई करने से इनकार कर दिया है। याचिकाकर्ताओं ने चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच के समक्ष मेंशन करते हुए कहा कि मंदिर को शुद्धिकरण के लिए बंद करना सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उल्लघंन है। इसलिए इस पर जल्द सुनवाई की जाए। इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि हमने पहले ही सबरीमाला मंदिर से जुड़े सभी मामलों पर सुनवाई की तिथि 22 जनवरी को फिक्स कर दी है। इसलिए हम सभी याचिकाओं पर 22 जनवरी को ही सुनवाई करेंगे।
आपको बता दें कि सबरीमाला मंदिर में दो महिलाओं ने प्रवेश कर भगवान अयप्पा के दर्शन किए थे। उसके बाद मंदिर प्रशासन ने शुद्धिकरण के लिए मंदिर को बंद कर दिया था। इसके खिलाफ केरल के कुछ वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। केरल के देवस्थानम बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर रोक लगाने संबंधी फैसले को लागू करने के लिए समय की मांग की है। बोर्ड ने कहा है कि उसके पास जरुरी इंफ्रास्ट्रक्चर मौजूद नहीं है। बोर्ड ने कहा है कि लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और हिंसा कर रहे हैं। इसलिए कोर्ट अपने आदेश को लागू करने के लिए समय बढ़ाए। 13 नवंबर 2018 को कोर्ट ने सभी पिटीशन पर खुली अदालत में सुनवाई करने का आदेश दिया था। लेकिन कोर्ट ने पिछले 28 सितंबर के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। इसके पहले भी 14 नवंबर को वकील मैथ्यु नेदुम्पारा ने चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच से कहा था कि 28 सितंबर के फैसले पर रोक लगाई जाए तब चीफ जस्टिस ने कहा कि आप 22 जनवरी 2019 तक इंतजार कीजिए। हम उसी दिन रिव्यू पिटीशन पर सुनवाई करेंगे। सुप्रीम कोर्ट में कोर्ट के आदेश का पालन नहीं होने और उस आदेश के खिलाफ रिव्यू पिटीशन दाखिल किए गए हैं। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर 49 रिव्यू पिटीशन दाखिल किए गए हैं।