ग्रेटर नोएडा। महामारी से बचाव के लिए लॉकडाउन पार्ट 2 शुरू हो गया है। इसका असर
वैवाहिक शुभ मुहूर्तों और नवरात्र के बाद अब मुकद्दस रमजान माह पर भी पड़ेगा। 24-25 अप्रैल से रमजान शुरू
हो रहा है। इसमें ना तो मस्जिदों में शबीना होगा और न ही नमाज पढ़ी जा सकेगी। वहीं ईद की नमाज किन
हालातों में पढ़ी जाएगी, इस पर भी चर्चाएं शुरू हो गई हैं। बता दें कि लॉकडाउन के चलते मंदिर, मस्जिद,
गुरुद्वारे और चर्च सभी बंद हैं। ऐसे हालात में मस्जिदों में ताले हैं और ऊपर से पुलिस का पहरा भी है। यही हाल
लॉकडाउन के चलते नवरात्र में भी रहा था। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के लिए लोगों ने कंजक पूजन भी
नहीं किया। वहीं लॉकडाउन के चलते लोग अप्रैल व मई माह के शुभ वैवाहिक मुहूर्तों को भी टाल चुके हैं।
क्या होता है शबीना
दादरी नई आबादी के निवासी हाजी अनवर ने बताया कि शबीना के तहत माह-ए रमजान में मस्जिद में कुरान का
पाठ होता है। जिसे उलेमा अथवा तलबा कुरान ए पाक को पढ़कर रोजेदारों को सुनाते हैं। यह कुरान ए पाक का
पाठ तीन, पांच अथवा सात दिन में पूरा करना होता है। फिलहाल हालातों को देखते हुए लोगों से अपील की जा
रही है कि वो अपने घरों में रहकर ही इबादत करें। ताकि मिलकर देश में कोरोना को हराया जा सके।
ईद की नमाज को लेकर भी हैं चर्चा
इसके अलावा लोगों में ईद की नमाज को लेकर भी अभी से चर्चाएं शुरू हो गई हैं। ईद की नमाज इस बार किन
हालातों में होगी या फिर हो भी पाएगी या नहीं, तमाम तरह की चर्चाएं लोग कर रहे हैं। लेकिन हालात को ध्यान
में रखते हुए लोगों के इस सवाल का जवाब किसी के पास नहीं है।
जिले में कहां-कहां है मुस्लिम आबादी
जिले में नोएडा, ग्रेटर नोएडा, दादरी, सूरजपुर, जेवर, जहांगीरपुर, दनकौर, बिलासपुर के अलावा जारचा, कलौंदा,
छौलस, नूरपुर आदि समेत विभिन्न गांवों में भी बड़ी संख्या में मुस्लिम आबादी है।