संदीप चोपड़ा
नई दिल्ली। संसद के सोमवार से शुरू हुए मॉनसून सत्र में सरकार को विपक्ष के कड़े सवालों
का सामना करना पड़ा। कोरोना महामारी के कारण कई चीजें सदन में बदल गई हैं और विपक्ष इस बार लिखित
तरीके से सवाल पूछे जा रही है। सोमवार को विपक्ष ने कोरोना के दौरान हुए लॉकडाउन के बीच प्रवासी मजदूरों को
काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था और विपक्ष के कुछ सांसदों ने इस बीच हुई प्रवासी मजदूरों की मौत के
आंकड़े की जानकारी मांगी, जिसपर सरकार ने कहा कि उनके पास ऐसा डाटा नहीं है। विपक्ष ने सवाल पूछा कि
क्या सरकार प्रवासी मजदूरों के आंकड़े को पहचानने में गलती कर गई, क्या सरकार के पास ऐसा आंकड़ा है कि
लॉकडाउन के दौरान कितने मजदूरों की मौत हुई है क्योंकि हजारों मजदूरों के मरने की बात सामने आई है। इसके
अलावा सवाल पूछा गया कि क्या सरकार ने सभी राशनकार्ड धारकों को मुफ्त में राशन दिया है, अगर हां तो
उसकी जानकारी दें। इसके अलावा लिखित सवाल में कोरोना संकट के दौरान सरकार द्वारा उठाए गए अन्य कदमों
की जानकारी मांगी गई। केंद्रीय मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने लिखित जवाब दिया कि भारत ने बतौर एक देश इस
स्थिति से निपटने के लिए कई कदम उठाए। केंद्र, राज्य सरकार और स्थानीय निकायों ने कोविड-19 के खिलाफ
लड़ाई लड़ी है। जहां तक मौत के आंकड़े का सवाल है तो सरकार के पास इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।