नई दिल्ली। लोकसभा में बुधवार को भारतीय विमानपत्तन आर्थिक विनियामक प्राधिकरण
संशोधन विधेयक 2021 पेश किया गया जिसमें ‘‘महाविमानपत्तन’’ की परिभाषा को संशोधित करने का प्रस्ताव
किया गया है। निचले सदन में नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने यह विधेयक पेश किया। इसके माध्यम से
भारतीय विमान पत्तन आर्थिक विनियामक प्राधिकरण अधिनियम 2008 में संशोधन करने का प्रस्ताव किया गया
है।
विधेयक के उद्देश्यों एवं कारणों में कहा गया है कि भारतीय विमानपत्तन आर्थिक विनियामक प्राधिकरण संशोधन
विधेयक 2021 ‘महाविमानपत्तन’ की परिभाषा को संशोधित करने का प्रस्ताव करता है जिससे उसकी परिधि में
विमानपत्तनों के समूह के लिये शुल्क (टैरिफ) का निर्धारण करने के लिये विस्तार किया जा सके। यह छोटे
विमानपत्तनों के विकास को प्रोत्साहन प्रदान करेगा।
इसमें कहा गया है कि जिन विमानपत्तनों में अभी यातायात की संभावना कम है और हानि होने के कारण तर्कसंगत
प्रतिस्पर्धी बोलियां आमंत्रित करने की संभावना नहीं है, वहां सार्वजनिक निजी भागीदारी से अधिक विमानपत्तनों का
विकास सुदूर एवं दूरस्थ क्षेत्रों में वायु सम्पर्क का विस्तार करेगा। इसमें कहा गया कि इस रुख से न केवल अधिक
यातायात एवं लाभ प्रदान करने वाले विमानपत्तनों का विकास होगा बल्कि कम यातायात वाले एवं लाभ नहीं कमाने
वाले विमानपत्तनों का भी विकास होगा। विधेयक में कहा गया कि इसलिये सरकार ने लाभ प्रदान करने वाले और
लाभ नहीं प्रदान करने वाले विमानपत्तनों को जोड़ने का निश्चय किया है ताकि जिनका संभावित बोलीदाताओं के
लिये सार्वजनिक निजी भागीदारी हेतु प्रस्ताव किया जा सके।