नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से लोकपाल की नियुक्ति को लेकर उठाए गए कदम की जानकारी 17 जनवरी तक देने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में काफी देर हो चुकी है। कोर्ट ने पूछा कि सर्च कमेटी में देरी क्यों हो रही है। 24 जुलाई 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने लोकपाल सर्च कमिटी का गठन न होने पर नाराजगी जताई थी। सुनवाई के दौरान अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने बताया था कि एक्ट के मुताबिक सर्च कमिटी का सदस्य बनने योग्य लोगों को चुनने में समय लगेगा। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता प्रशांत भूषण ने मांग की कि सुप्रीम कोर्ट अपनी तरफ से सर्च कमिटी बनाए, लोकपाल नियुक्त करे। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में जो हलफनामा दाखिल किया था उसमें लोकपाल की नियुक्ति की समय सीमा नहीं बताई गई थी। सरकार ने कहा था कि लोकपाल के चयन के लिए पहले सर्च कमेटी बनानी होगी। कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के सचिव ने हलफनामा दायर कर कहा था कि चयन समिति को एक सात सदस्यीय सर्च कमेटी का मनोनयन करना होगा। सर्च कमेटी के गठन के बाद वो अपनी प्रक्रिया तय करेगी। उसके बाद चयन समिति सर्च कमेटी एक तय समय सीमा में लोकपाल के लिए उम्मीदवारों के नाम की अनुशंसा करनी होगी। हलफनामे में कहा गया था कि चूंकि अभी सर्च कमेटी का गठन नहीं हुआ है। इसलिए लोकपाल की नियुक्ति के लिए टाइमफ्रेम बताना मुश्किल है।