नई दिल्ली। विपक्ष ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत और
हेलिकॉप्टर दुर्घटना में जान गंवाने वाले अन्य सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के लिए संसद भवन के अंदर और बाहर
एक और दिन के लिए अपना विरोध प्रदर्शन स्थगित कर दिया है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री और कर्नाटक से राज्यसभा सांसद जयराम रमेश ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा, चूंकि आज दोपहर
जनरल रावत और अन्य का अंतिम संस्कार किया जा रहा है, इसलिए विपक्ष आज राज्यसभा में भी 12 विपक्षी
सांसदों के असंवैधानिक और अवैध निलंबन के खिलाफ अपने विरोध प्रदर्शन से दूर रहेगा।
इससे पहले गुरुवार को भी विपक्षी दलों ने ये फैसला किया था कि सीडीएस जनरल बिपिन रावत के निधन के बाद
राज्यसभा के 12 निलंबित सांसदों का धरना एक दिन के लिए रद्द किया जाएगा, जिसे शुक्रवार को दूसरे दिन भी
जारी रखा गया है। इसके साथ ही विपक्षी दल शुक्रवार को सदन के अंदर भी गतिरोध या विरोध प्रदर्शन नहीं करेंगे।
12 निलंबित सांसद लगातार सदन परिसर में गांधी प्रतिमा के पास धरने पर बैठे हुए थे। गौरतलब है कि लगातार
विपक्षी दल केंद्र पर आरोप लगाते हुए ये कह रहे हैं कि राज्यसभा में जो अड़चनें पैदा हो रही हैं उसके लिए सरकार
जिम्मेवार है। सरकार ने नियम को तोड़ते हुए हमारे 12 सदस्यों को निलंबित किया है। निलंबन वापस नहीं लिया
तो, विपक्षी दल निलंबित सांसदों के साथ अनशन पर बैठेंगे।
दरअसल पिछले सप्ताह सोमवार यानी 29 नवंबर को शीतकालीन सत्र के पहले दिन ही राज्यसभा में कांग्रेस,
शिवसेना और तृणमूल कांग्रेस सहित कई अन्य विपक्षी दलों के 12 सदस्यों को इस सत्र की शेष अवधि के लिए
उच्च सदन से निलंबित कर दिया गया था। जिन सदस्यों को निलंबित किया गया है उनमें मार्क्सवादी कम्युनिस्ट
पार्टी (माकपा) के इलामारम करीम, कांग्रेस सांसद फूलों देवी नेताम, छाया वर्मा, रिपुन बोरा, राजमणि पटेल, सैयद
नासिर हुसैन, अखिलेश प्रताप सिंह, तृणमूल कांग्रेस की डोला सेन व शांता छेत्री, वहीं शिव सेना सांसद प्रियंका
चतुवेर्दी और अनिल देसाई व भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के विनय विस्वम शामिल हैं।