नई दिल्ली। राज्यसभा में सरकार और विपक्ष के बीच बना गतिरोध बृहस्पतिवार को भी जारी
रहा और विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण उच्च सदन की बैठक सुबह शुरू होने के
कुछ ही देर बाद दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी। पेगासस जासूसी विवाद, नए कृषि कानूनों
सहित विभिन्न मुद्दों को लेकर विपक्षी सदस्यों का हंगामा मौजूदा मानसून सत्र की शुरूआत से ही जारी है। सुबह
सदन की बैठक शुरू होने पर सभापति एम वेंकैया नायडू ने आवश्यक दस्तावेज पटल पर रखवाए। इसके बाद
उन्होंने कहा कि उन्हें तृणमूल कांग्रेस के सुखेंदु शेखर रॉय, कांग्रेस के रिपुन बोरा, समाजवादी पार्टी के रामगोपाल
यादव और विश्वंभर प्रसाद निषाद, राष्ट्रीय जनता दल के मनोज कुमार झा, वाम सदस्य इलामारम करीम और
विनय विश्चम सहित विभिन्न सदस्यों की ओर से नियम 267 के तहत नोटिस मिले हैं। सभापति ने कहा कि
उन्होंने इन नोटिस पर गौर किया और उन्हें स्वीकार करने योग्य नहीं पाया। इस के बाद सदन में विपक्षी सदस्यों
का हंगामा शुरू हो गया। सभापति ने हंगामा कर रहे सदस्यों से अपने स्थानों पर जाने की अपील की और कहा कि
सदस्यों ने उच्चतम न्यायालय की टिप्पणी पर गौर किया होगा। सदन में व्यवस्था बनते नहीं देख उन्होंने बैठक
दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। मौजूदा मानसून सत्र में अब तक राज्यसभा में शून्यकाल नहीं हो
पाया है।